उपभोक्ता सामानों यानी कंज्यूमर गुड्स में लोगों का खर्च बढ़ने और इन गुड्स की कीमतों में हुए इजाफे का फायदा इन फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स ( एफएमसीजी ) कंपनियों को मिलेगा।
उम्मीद है कि मार्च 2008 को खत्म हुई तिमाही में इन कंपनियों के नतीजे ठीक रहेंगे। साल दर साल की औसत ग्रोथ की बात की जाए तो मार्च 2008 में इन कंपनियों के ऑपरेटिंग लाभ में 18 फीसदी का इजाफा देखा जा सकता है और शुध्द बिक्री में 15 फीसदी की बढ़त आ सकती है जबकि इस दौरान इनके शुध्द लाभ में 20 फीसदी का इजाफा हो सकता है।
इस सेक्टर में अच्छे नतीजों की बात करें तो नेस्ले और गोदरेज कंज्यूमर के नतीजे बाकियों से बेहतरर हो सकते हैं। उम्मीद है कि नेस्ले शुध्द बिक्री में सबसे ज्यादा 17 फीसदी का इजाफा दे सकता है जबकि शुध्द मुनाफा सबसे ज्यादा गोदरेज कंज्यूमर का हो सकता है, उम्मीद है कि इसका शुध्द मुनाफा की ग्रोथ 40 फीसदी तक हो सकती है। इन दोनों ही कंपनियों को अपने उत्पादों की कीमतें बढ़ाने से मार्जिन बढ़ने का फायदा मिलेगा।
नॉन फिल्टर सिगरेट पर उत्पाद शुल्क बढ़ाए जाने से आईटीसी के वॉल्यूम में गिरावट आ सकती है। लेकिन एफएमसीजी के अलावा कंपनी के और भी कारोबार होने की वजह से इसकी शुध्द बिक्री में 11 फीसदी की ग्रोथ देखी जा सकती है। जबकि ऑपरेटिंग लाभ में 18 फीसदी का इजाफा देखा जा सकता है।
जहां तक हिंदुस्तान यूनीलीवर का सवाल है डिटर्जेन्ट कैटगरी में कीमतें बढ़ाने और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स कारोबार में ग्रोथ को देखते हुए इसकी शुध्द बिक्री में 14 फीसदी का इजाफा देखा जा सकता है जबकि ऑपरेटिंग लाभ में 24 फीसदी की ग्रोथ हो सकती है।
अन्य कंपनियां जिनकी कमाई में खासा इजाफा आ सकता है उनमें डाबर, मैरिको और टाटा टी भी शामिल हैं। हालांकि डाबर की शुध्द बिक्री में केवल 8 फीसदी की और ऑपरेटिंग लाभ में 18 फीसदी की ग्रोथ देखी जा सकती है। मैरिको की कमाई में भी 13 फीसदी की इजाफा और ऑपरेटिंग लाभ में 12 फीसदी का इजाफा देखा जा सकता है।
जहां तक टाटा टी के आंकडों का सवाल है, इसके शुध्द लाभ में 600 फीसदी का इजाफा देखा जा सकता है। लेकिन इसके ऑपरेटिंग लाभ में 26 फीसदी और शुध्द बिक्री में 19 फीसदी का इजाफा देखा जा सकता है।