हीरो इलेक्ट्रॉनिक्स की बहुलांश हिस्सेदारी वाली सेमीकंडक्टर इंजीनियरिंग फर्म टेसॉल्व ने वैकल्पिक परिसंपत्ति प्रबंधन फर्म टीपीजी से 15 करोड़ डॉलर की रकम जुटाई है। कंपनी इस रकम का उपयोग वैश्विक वितरण केंद्रों को मजबूत करने, उन्नत परीक्षण प्रयोगशालाओं का विस्तार करने और रणनीतिक अधिग्रहण में तेजी लाने के लिए करेगी, क्योंकि कंपनी वैश्विक और भारतीय सेमीकंडक्टर परिवेश के लिए एक प्रमुख प्रवर्तक तौर पर अपनी स्थिति को और मजबूत करना चाहती है।
टीपीजी ने टीपीजी ग्रोथ के जरिये निवेश किया है, जो कंपनी का मिडल मार्केट और ग्रोथ इक्विटी प्लेटफॉर्म है। हालांकि, अभी तक यह खुलासा नहीं हुआ है कि इस निवेश के बदले टीपीजी को कितनी हिस्सेदारी मिलेगी। अलग-अलग क्षेत्रों में कारोबार करने वाले हीरो समूह की हीरो इलेक्ट्रॉनिक्स ने पहली बार 2016 में टेसॉल्व में हिस्सेदारी खरीदी थी। रकम जुटाने से पहले इसके पास करीब 58 फीसदी हिस्सेदारी थी। सिंगापुर की निजी इक्विटी फर्म नोवो टेलस ने 2021 में 4 करोड़ डॉलर के निवेश के साथ कंपनी में करीब 32 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था।
ऐप्लायड मेटेरियल्स और क्वालकॉम वेंचर्स के अन्य निवेशक हैं। बेंगलूरु में 2004 में स्थापित टेसॉल्व ने चिप आर्किटेक्चर से लेकर डिजाइन, टेस्ट डेवलपमेंट और एम्बेडेड सिस्टम तक में सेमीकंडक्टर इंजीनियरिंग मूल्य श्रृंखला में गहरी क्षमता तैयार की है।