सरकार ने टेस्ला (Tesla) को अपने इलेक्ट्रिक वाहनों के घरेलू विनिर्माण के लिए स्वदेशी सप्लाई चेन स्थापित करने के लिए आवश्यक समय-सीमा पर एक रोड मैप प्रस्तुत करने के लिए कहा है। फाइनैंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, Tesla द्वारा ब्लू-प्रिंट जमा करने के बाद सरकार यह तय करेगी की वह कितने समय के लिए और किस तरह की रियायतें देने को तैयार है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अगले तीन से छह महीनों में टेस्ला भारत में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण की डिटेल योजना सरकार के सामने रख सकती है, जिसमें घरेलू विक्रेता आधार (vendor base) स्थापित करने की आवश्यकता है।
सरकारी अधिकारियों ने महीने के मध्य में देश का दौरा करने वाली टेस्ला की टीम को पहले ही बता दिया है कि अगर कंपनी अपने EV के लिए घरेलू असेंबली यूनिट स्थापित करने पर विचार करती है, तो वह इसके लिए आवश्यक घटकों पर आयात रियायतें देने को तैयार है। बता दें कि इस तरह की स्कीम फिलहाल चरणबद्ध मैन्युफैक्चरिंग प्रोग्राम (PMP) के तहत स्मार्टफोन प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम के लिए काम करती है।
हालांकि, समय के साथ, टेस्ला को भारत में ही घटकों (components) का निर्माण करना होगा, जिसके लिए उसे अपने विक्रेताओं (vendor) को यहां दुकान स्थापित करने के लिए कहना होगा। चूंकि टेस्ला के ज्यादातर विक्रेता चीनी हैं, इसलिए उन्हें देश में काम करने के लिए भारतीय फर्मों के साथ संयुक्त उद्यम (joint ventures) बनाने की आवश्यकता है।
एक बार जब टेस्ला स्वदेशीकरण स्तरों को पूरा करने के लिए एक टाइमलाइन के साथ देश में एक विनिर्माण प्लांट स्थापित करने के लिए सहमत हो जाता है, तो सरकार उन कंपनियों द्वारा नए निवेश को आमंत्रित करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों और उन्नत रसायन सेल बैटरी के लिए एक संशोधित PLI योजना लेकर आ सकती है, जिन्होंने पहले भाग नहीं लिया था।