वोडाफोन-आइडिया प्रतिस्पर्धा में लौटने के वास्ते अपना लंबा सफर शुरू करने के लिए एक बहु-आयामी रणनीति पर काम कर रही है, लेकिन यह बात काफी हद तक इस पर निर्भर करती है कि पिछले सप्ताह सरकार के इक्विटी रूपांतरण के फैसले के बाद कंपनी कितना पैसा जुटा पाती है।
कंपनी के घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों और विक्रेताओं के साथ बातचीत के अनुसार वीआईएल की तत्काल योजना अपने प्रतिस्पर्धियों के स्तर तक 4जी का दायरा बढ़ाने में निवेश करने की है। वर्तमान में 4जी के जरिये इसकी जद में एक अरब आबादी आती है, जबकि इसकी प्रतिस्पर्धियों के दायरे में 1.2 अरब लोग आते हैं। वीआईएल को 20 करोड़ अतिरिक्त संभावित ग्राहकों तक पहुंचने की जरूरत है।
वीआईएल के प्रवक्ता ने इस योजना के संबंध में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
दूसरा प्रमुख क्षेत्र अपनी नेटवर्क क्षमता बढ़ाते हुए अपने 4जी ग्राहक आधार में इजाफा करना है। यह इसके कम एआरपीयू (प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व) वाले 2जी ग्राहकों को अधिक एआरपीयू वाले 4जी और 3जी ग्राहकों में अपग्रेड करना सुनिश्चित करने के लिए महत्त्वपूर्ण है।
इसके 23.1 करोड़ ग्राहकों में से लगभग 51 प्रतिशत ग्राहक वर्तमान में 4जी पर हैं, अधिकांश 2जी या 3जी पर हैं। इससे भी महत्त्वपूर्ण बात यह है कि इसके पास लगभग 10 करोड़ गैर-डेटा वाले 2जी ग्राहक और बड़ा ग्रामीण ग्राहक आधार है।
इसके विपरीत जियो के 100 प्रतिशत ग्राहक 4जी पर हैं। जहां तक भारती एयरटेल की बात है, जिसने 3जी सेवाएं बंद कर दी हैं, उसके पास पहले से ही 61.8 प्रतिशत ग्राहक 4जी पर हैं और ये ग्राहक 2जी ग्राहकों की तुलना में इस सेवा के लिए अधिक भुगतान करते हैं।
जियो के 177 रुपये और भारती एयरटेल के 190 रुपये की तुलना में वीआईएल का एआरपीयू सबसे कम 131 रुपये होने की एक प्रमुख वजह यही है।
इस योजना के लिए नेटवर्क में नए निवेश की आवश्यकता है। विक्रेताओं के अनुसार पिछले साल वीआईएल ने 4जी और 5जी दोनों ही उपकरणों के लिए आरएफपी जारी किया था, लेकिन इनमें से किसी में भी कोई सौदा नहीं हुआ है।
एक विक्रेता कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा ‘अपनी बातचीत से हमारा मानना है कि इसका ध्यान 4जी नेटवर्क में इजाफा करने और इसकी मदद के लिए परिवहन पर होगा, जिसका मतलब है टावरों का फाइबराइजेशन और ई बैंड का उपयोग करना।’
वीआईएल पर विक्रेता का भी बकाया है। विक्रेताओं का कहना है कि उन्हें इस बात की उम्मीद है कि यह बकाया आंशिक रूप से चुकाया जाएगा या फिर से बातचीत की जाएगी।
हालांकि वीआईएल ने सीमित 5जी स्पेक्ट्रम खरीदा है, लेकिन यह 5जी लागू करने के मामले में अपनी योजनाओं पर साफ तौर पर धीमी रफ्तार से बढ़ रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह ऐसा चाहती है, तो 4जी का समर्थन करने के लिए अधिक क्षमता का निर्माण करने के वास्ते यह स्पष्ट रूप से अधिक कुशल 5जी स्पेक्ट्रम का उपयोग कर सकती है (क्योंकि इसके पास अधिक बैंडविड्थ है, प्रति जीबी इसकी लागत 4जी स्पेक्ट्रम का उपयोग करने की तुलना में कम है)।
शुल्क वृद्धि की संभावना लगती है। वीआईएल ने सार्वजनिक तौर पर कहा है कि उसे अपना एआरपीयू तेजी से बढ़ाने की जरूरत है। भारती एयरटेल ने अपने ग्राहक आधार पर ज्यादा असर डाले बिना नौ सर्किलों में शुरुआती स्तर का शुल्क प्रभावी रूप से 57 प्रतिशत तक बढ़ाकर 99 रुपये से 150 रुपये कर दिया है।
इस बात की भी संभावना है कि वीआईएल अपनी डिजिटल रणनीति को आगे बढ़ाएगी।