टेलीकॉम

Vodafone Idea पर 2.09 लाख करोड़ रुपये का कर्ज, लोन चुकाने के लिए मांगा समय

Vodafone Idea का कहना है कि दिसंबर तक वो बैंकों और थर्ड-पार्टी निवेशकों से कर्जा चुकाने के लिए फंड जुटा लेगी।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- August 10, 2023 | 2:23 PM IST

कर्ज में डूबी टेलीकॉम ऑपरेटर वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea, Vi) ने कथित तौर पर अपने मौजूदा बकाया को चुकाने के लिए दिसंबर के अंत तक का समय मांगा है। कंपनी का कहना है कि दिसंबर तक वो बैंकों और थर्ड-पार्टी निवेशकों से कर्जा चुकाने के लिए फंड जुटा लेगी।

साथ ही कंपनी ने इस बात पर भी जोर दिया है कि प्रमोटर्स वोडाफोन आइडिया को सपोर्ट करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

दूरसंचार विभाग (DoT) के कारण बताओ नोटिस (SCN) का जवाब देते हुए Vodafone Idea ने धन जुटाने में देरी के कारण चल रही लिक्विडिटी चुनौतियों का हवाला दिया।

DoT ने 21 जुलाई को नकदी संकट से जूझ रही कंपनी को लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के भुगतान में कमी आने के लिए एक लेटर भेजा था।

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कंपनी ने मांगा दिसंबर तिमाही तक का समय

28 जुलाई को, मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर ने वित्त वर्ष 2023 की मार्च तिमाही और वित्त वर्ष 24 की जून तिमाही के लिए क्रमशः शेष 50 प्रतिशत और 90 प्रतिशत लाइसेंस शुल्क और एसयूसी (SUC) का भुगतान करने के लिए दिसंबर तिमाही तक का समय देने का अनुरोध किया।

Vi ने वित्त वर्ष 2023 को 2.09 लाख करोड़ रुपये के शुद्ध ऋण (net debt) और 230 करोड़ रुपये के नकद शेष (Cash balance) के साथ समाप्त किया।

कंपनी के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च तिमाही में बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर उसका कर्ज 11,390 करोड़ रुपये था। इसमें से 8,380.4 करोड़ रुपये का भुगतान 31 मार्च 2024 तक करना है।

फंड जुटाने में देरी का कारण

Vi ने कहा कि उसे आने वाले समय में फंड जुटाने की प्रक्रिया को बंद करने की उम्मीद है, जिससे वह DoT को बकाया भुगतान करने में सक्षम हो जाएगा। कंपनी ने बताया कि फंड जुटाने में देरी इसलिए हुई  क्योंकि मौजूदा ऋणदाताओं के साथ-साथ थर्ड पार्टी के इक्विटी निवेशक चाहते हैं कि वीआई के प्रमोटर पहले वादा किए गए फंड लाएं।

Jio, Airtel और Vodafone Idea की राजस्व बाजार हिस्सेदारी क्रमशः 44 प्रतिशत, 39 प्रतिशत और 17 प्रतिशत है। एक साल पहले वोडाफोन आइडिया के पास करीब 19.3% मार्केट शेयर था।

बता दें कि इक्विटी को बकाया में परिवर्तित करने के बाद सरकार के पास टेल्को में 33.1 प्रतिशत हिस्सेदारी है। नियमों के तहत फिलहाल टेलीकॉम कंपनियां एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) का 8 फीसदी सरकार को लाइसेंस फीस के तौर पर देती हैं।

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First Published : August 10, 2023 | 2:23 PM IST