भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने आज कहा कि उसने अपने डेटा सेंटर कारोबार ‘हाइपरवॉल्ट’ को रफ्तार देने के लिए वैश्विक वैकल्पिक परिसंपत्ति प्रबंधन फर्म टीपीजी से 1 अरब डॉलर जुटाए हैं। इसके साथ ही कंपनी ने डेटा सेंटर क्षेत्र में बड़ा दांव लगाया है जिससे सबसे बड़ी एआई-रेडी तकनीकी सेवा कंपनी बनने की उसकी आकांक्षा को और मजबूती मिली है।
टीसीएस और टीपीजी दोनों ने मिलकर अगले कुछ वर्षों में 18,000 करोड़ रुपये तक के निवेश का वादा किया है, जिनमें से टीपीजी 8,820 करोड़ रुपये निवेश करेगी और हाइपरवॉल्ट में उसकी हिस्सेदारी 27.5 से 49 फीसदी के बीच रह सकती है।
टीसीएस ने बयान में कहा कि टीपीजी को रणनीतिक निवेश साझेदार के तौर पर लाने से कंपनी को अपने शेयरधारकों को बेहतर रिटर्न दिलाने, अपने पूंजीगत खर्च को कम करने और डेटा सेंटर प्लेटफॉर्म के लिए दीर्घावधि मूल्य सृजित करने में मदद मिलेगी। 30 सितंबर, 2025 तक टीसीएस के पास 1.06 लाख करोड़ रुपये की नकदी या समतुल्य राशि थी। कंपनी पर कुल कर्ज 10,932 करोड़ रुपये था।
यह पहला मौका जब टीसीएस ने भारी पूंजीगत खर्च की जरूरत वाले उद्योग पर दांव लगाया है। इससे पहले कंपनी अधिग्रहण के बजाय अपने कारोबार को बढ़ाने को तवज्जो देती रही है। टीसीएस ने आखिरी बड़ा अधिग्रहण साल 2008 में 51.2 करोड़ डॉलर में सिटीग्रुप ग्लोबल सर्विसेज का किया था। वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही के नतीजों के बाद कंपनी ने डेटा सेंटर सेगमेंट में आने का अपना इरादा बताया था।
नतीजे जारी करते समय टीसीएस प्रबंधन ने कहा था कि कंपनी 1 गीगावाॅट क्षमता बनाना चाहती है जिसके लिए करीब 6.5 अरब से 7 अरब डॉलर निवेश की जरूरत होगी।
टीसीएस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि टीपीजी हमारे साथ जुड़कर भारत में बड़े गीगावाॅट क्षमता का एआई डेटा सेंटर बनाने की हमारी यात्रा में शामिल हो रही है। इससे बड़ी और एआई कंपनियों के साथ हमारी साझेदारी और मजबूत होगी।’ उन्होंने कहा कि इस क्षमता के साथ टीसीएस अपने ग्राहकों और साझेदारों को संपूर्ण एआई समाधान मुहैया कराने में सक्षम होगी। चंद्रशेखरन ने कहा, ‘हम उद्योग के लिए विश्व स्तरीय एआई बुनियादी ढांचा और समाधान बनाने में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए उत्साहित और प्रतिबद्ध हैं।’
भारत में अभी लगभग 1.5 गीगावॉट की डेटा सेंटर क्षमता है, जिसके 2030 तक 10 गीगावाॅट से ज्यादा होने की उम्मीद है। उद्योग के अनुमान के मुताबिक भारत के डेटा सेंटर बाजार ने 2019 से अभी तक लगभग 94 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित किया है।
टीपीजी के कार्यकारी चेयरमैन और टीपीजी राइज क्लाइमेट के मैनेजिंग पार्टनर जिम कोल्टर ने कहा, ‘हम टीसीएस के साथ साझेदारी करके बहुत खुश हैं और टाटा समूह के साथ हमारी लंबी साझेदारी रही है। दोनों समूह नवाचार और टिकाऊपन के लिए समान दृष्टिकोण और संकल्प साझा करते हैं।’ टीपीजी ने पहले टाटा मोटर्स और टाटा टेक्नॉलजीज के साथ काम किया है। इस महीने की शुरुआत में तकनीकी क्षेत्र की बड़ी कंपनी गूगल ने अगले पांच साल में विशाखापत्तनम में 1 गीगावाॅट क्षमता का एआई डेटा सेंटर बनाने के लिए 15 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की थी।