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डीएसई से गठजोड़ में लगीं टीसीएस और एफटीआईएल

Last Updated- December 10, 2022 | 5:31 PM IST

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नैशनल स्टॉक एक्सचेज (एनएसई) की तर्ज पर एक इलेक्ट्रोनिक इक्विटी बाजार बनाने की योजना बना रहा दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज (डीएसई) व्यापार विकास और प्रौद्योगिकी हस्तानांतरण के लिए चार कंपनियों से बात कर रहा है।


इन कंपनियों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और फाइनैंशियल टेक्नोलॉजीज इंडिया (एफटीआईएल) जैसी कंपनियां शामिल हैं। एफटीआईएल क्षेत्रीय मुद्रा बाजार में 5 प्रतिशत की हिस्सेदारी पहले ही हासिल कर चुकी है। इस प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों ने ‘बिजनेस स्टैंडर्ड’ को बताया, ‘यह गठजोड़ पूरी तरह योग्यता के आधार पर होगा और चार कंपनियां इस होड़ में शामिल हैं। इन कंपनियों में एफटीआईएल, टीसीएस और सीएमसी (टीसीएस की सहयोगी इकाई) प्रमुख रूप से शामिल हैं।’


अधिकारियों के मुताबिक डयूश बैंक भी डीएसई में 5 प्रतिशत हिस्सेदारी पर विचार कर रहा है। यह स्टॉक एक्सचेंज डेरिवेटिव्स कारोबार की भी योजना बना रहा है और इसके लिए इसे सेबी की मंजूरी मिल गई है। डीएसई में हिस्सेदारी प्राप्त करने वाले चार विदेशी निवेशकों में मॉरीशस की विलमेट्टे होल्डिंग्स, कुवैत की नूर फाइनैंशियल इन्वेस्टमेंट कंपनी, कुवैत प्राइवेटाइजेशन प्रोजेक्ट्स होल्डिंग और इकारस इंडस्ट्रियल पेट्रोलियम कंपनी शामिल हैं।


काफी समय पहले अपनी चमक खो चुके क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज अब विदेशी और निजी कंपनियों को आकर्षित करने में लग गए हैं। अमेरिका का सबसे बड़ा शेयर बाजार नैस्डेक भारत में एक एक्सचेंज स्थापित करने के लिए अहमदाबाद स्टॉक एक्सचेंज और तीन अन्य क्षेत्रीय एक्सचेंजों के साथ भागीदारी की संभावना तलाश रहा है।

First Published - April 9, 2008 | 1:08 AM IST

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