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Tata Sons ने Tata Capital के राइट्स इश्यू को दी मंजूरी, बोर्ड की बैठक में आज तय होगी रकम और टाइमिंग

यह राइट्स इश्यू टाटा कैपिटल की प्रस्तावित लिस्टिंग के लिए बेंचमार्क प्राइस तय करेगा। बता दें कि टाटा कैपिटल की योजना इस साल सितंबर तक स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होने की है।

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देव चटर्जी   
Last Updated- February 25, 2025 | 10:10 AM IST

Tata Capital rights issue: टाटा ग्रुप (Tata Group) की होल्डिंग कंपनी टाटा संस (Tata Sons) ने अपनी फाइनैंशियल सर्विसेज यूनिट टाटा कैपिटल (Tata Capital) के लिए राइट्स इश्यू को मंजूरी दे दी है। सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला सोमवार (24 फरवरी) को हुई बोर्ड बैठक में लिया गया। आज यानी मंगलवार (25 फरवरी) को टाटा कैपिटल का बोर्ड बैठक करेगा, जिसमें राइट्स इश्यू की राशि और इसकी टाइमिंग को लेकर चर्चा होगी। सूत्रों के मुताबिक, टाटा संस जो टाटा कैपिटल में 93% हिस्सेदारी रखता है, अपने हिस्से की पूरी राशि सब्सक्राइब करेगा। हालांकि, टाटा संस ने इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

राइट्स इश्यू से तय होगा Tata Capital की लिस्टिंग का बेंचमार्क प्राइस

यह राइट्स इश्यू टाटा कैपिटल की प्रस्तावित लिस्टिंग के लिए बेंचमार्क प्राइस तय करेगा। बता दें कि टाटा कैपिटल की योजना इस साल सितंबर तक स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होने की है। टाटा कैपिटल की लिस्टिंग भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के अनुपालन के तहत की जा रही है, जिसके तहत सभी अपर-लेयर नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) को सितंबर तक स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होना अनिवार्य है।

यह राइट्स इश्यू ऐसे समय पर आया है जब जनवरी में टाटा कैपिटल ने शेयरधारकों से अपनी कंपनी के अनुच्छेद (Articles of Association- AoA) में संशोधन की मंजूरी मांगी थी, ताकि इसे Companies Act, 2013 के प्रावधानों के अनुरूप लाया जा सके।

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Tata Capital राइट्स इश्यू से क्यों जुटा रही फंड?

एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) के रूप में, टाटा कैपिटल को पूंजी पर्याप्तता नियमों (Capital Adequacy Regulations) का पालन करना जरूरी है। इन नियमों के तहत कंपनी को अपने जोखिम-भारित संपत्तियों (Risk-Weighted Assets) और जोखिम-समायोजित ऑफ-बैलेंस शीट आइटम्स (Risk-Adjusted Off-Balance Sheet Items) के प्रतिशत के रूप में न्यूनतम पूंजी बनाए रखनी होती है।

अपने शेयरधारकों को भेजे गए संदेश में, टाटा कैपिटल ने कहा कि जैसे-जैसे उसका लोन पोर्टफोलियो और संपत्ति आधार (Asset Base) बढ़ेगा, उसे आवश्यक पूंजी पर्याप्तता अनुपात (Capital Adequacy Ratio) बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पूंजी की जरूरत होगी।

इस जरूरत को पूरा करने के लिए, कंपनी समय-समय पर पूंजी जुटाने की योजना बना रही है, जिसमें राइट्स इश्यू के जरिए फंडिंग भी शामिल होगी।

IPO में 75% हिस्सेदारी बरकरार रखेगा टाटा संस

पिछले पांच वर्षों में टाटा संस ने टाटा कैपिटल में 6,097 करोड़ रुपये का निवेश किया है। एक बैंकिंग सूत्र के अनुसार, यह ग्रुप के लेंडिंग बिजनेस पर बढ़ते फोकस को दर्शाता है।

फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) के 13 फरवरी के एक बयान के अनुसार, टाटा संस की प्रस्तावित आईपीओ (IPO) में अपनी हिस्सेदारी 75% से कम करने की संभावना नहीं है।

टाटा कैपिटल के टाटा मोटर्स फाइनेंस (TMFL) के साथ मर्जर के बाद, TMF होल्डिंग्स (जो TMFL का स्वामित्व रखती है) विलयित इकाई में 4.7% हिस्सेदारी रखेगी। इस बीच, एक सूत्र ने बताया कि टाटा संस के बोर्ड ने टाटा प्रोजेक्ट्स (Tata Projects) और टाटा इंटरनेशनल (Tata International) में निवेश को भी मंजूरी दे दी है।

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TCS से टाटा संस को मिलेगा 24,931 करोड़ रुपये का डिविडेंड

टाटा संस को इस वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) से 24,931 करोड़ रुपये का डिविडेंड मिलेगा। TCS, जो भारत की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनी है, ने दिसंबर तिमाही के लिए 66 रुपये प्रति शेयर का स्पेशल डिविडेंड घोषित किया है। इसके अलावा 10 रुपये  प्रति शेयर का अंतरिम डिविडेंड भी दिया गया है।

इससे पहले, TCS ने पहले दो तिमाहियों में भी 10 रुपये प्रति शेयर का अंतरिम डिविडेंड दिया था। मिले हुए फंड्स का उपयोग टाटा कैपिटल के राइट्स इश्यू सब्सक्रिप्शन और टाटा प्रोजेक्ट्स व टाटा इंटरनेशनल में निवेश के लिए किया जाएगा।

First Published : February 25, 2025 | 9:45 AM IST