निजी क्षेत्र की बिजली उत्पादक टाटा पावर की 60,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत खर्च की महत्वाकांक्षी योजना है और कंपनी ने कर्ज पुनर्गठन ( debt restructure) पर फिर से काम करने और अन्य कार्यशील पूंजी से जुड़े कदमों (working capital measures) पर अपनी कोशिश तेज कर दी है ताकि पूंजीगत खर्च का इंतजाम खुद से कर सके।
मार्च में टाटा पावर का एकीकृत कर्ज 49,480 करोड़ रुपये था। एक सरकारी बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, कंपनी अक्षय ऊर्जा क्षमता में बड़ी हिस्सेदारी की ओर बढ़ रही है। वह बिजली उत्पादन की स्थापित कंपनी है और लेनदारों को उसके रिकॉर्ड के साथ सहजता है। उन्होंने कहा, लंबी अवधि की क्रेडिट की ओर बढ़ना ब्याज दर के चक्र का प्रतिबिंब भी है, जहां आगामी तिमाहियों में नरमी की उम्मीद है।
इस बारे में जानकारी के लिए टाटा पावर को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला। हालांकि कंपनी ने हालिया सालाना रिपोर्ट में कहा है, हम उच्च लागत वाले कर्ज के लिए नया कर्ज हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि भुगतान की बेहतर शर्तें हासिल हों और ब्याज की लागत घटे।
यह ट्रेंड कंपनी के वित्त वर्ष 2024 के आंकड़ों में दिख रहा है। 49,840 करोड़ रुपये के एकीकृत कर्ज में से 76 फीसदी लंबी अवधि का है। लंबी अवधि के कर्ज का हिस्सा पिछले साल के मुकाबले बढ़ा है जबकि अल्पावधि वाले कर्ज का हिस्सा सिकुड़ रहा है।
इस राह पर चलने का सिलसिला वित्त वर्ष 2025 में बने रहने की संभावना है। टाटा पावर रीन्यूएबल्स (टाटा पावर की सहायक) पर इंडिया रेटिंग्स की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है, नकदी के बदलते परिदृश्य को देखते हुए कंपनी लंबी अवधि वाले फंडों के इस्तेमाल के जरिये वाणिज्यिक प्रतिभूतियां कम करने पर विचार कर रही है।
कर्ज पुनर्गठन के अतिरिक्त कंपनी की सालाना रिपोर्ट में सभी कारोबारी इकाइयों में रिसीबेवल्स के बेचने में तेजी आने का भी जिक्र है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कार्यशील पूंजी प्रबंधन में सुधार के लिए वह विस्तारित सप्लायर क्रेडिट पर बातचीत कर रही है और अन्य ट्रेड फाइनैंस स्ट्रक्चर का इस्तेमाल कर रही है और हमने अपनी क्रेडिट की शर्तों में सुधार किया है, लिहाजा नकदी प्रवाह में इजाफा हुआ है।
60,000 करोड़ रुपये के नियोजित पूंजीगत खर्च पर कंपनी का इरादा मौजूदा वित्त वर्ष में 15,000 से 20,000 करोड़ रुपये खर्च करने का है। कंपनी के अधिकारियों ने मई में विश्लेषकों से बातचीत में कहा था कि कंपनी हर साल नकदी प्रवाह पर सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रही है ताकि पूंजीगत खर्च के बड़े हिस्से का इंतजाम खुद से कर सके।
अधिकारी ने कहा कि वित्त वर्ष 2024 में रिसीबेवल्स और आपूर्ति श्रृंखला व इन्वेंट्री प्रबंधन पर ध्यान से कंपनी की कार्यशील पूंजी की जरूरत में काफी कम आई है। इसके परिणामस्वरूप हमने इस साल 12,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत खर्च किया है, लेकिन हमारे कर्ज का स्तर करीब-करीब स्थिर है और हमारा कर्ज-इक्विटी करीब एक गुना है।