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iPhone बनाने वाला पहला भारतीय नाम होगा Tata Group, 12.5 करोड़ डॉलर में खरीद लेगा विस्ट्रॉन की हिस्सेदारी

यह सौदा टाटा के लिए काफी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इसके साथ ही वह उन खास कंपनियों में शामिल हो जाएगी, जो दुनिया भर में ऐपल के लिए आईफोन असेंबल करती हैं।

Last Updated- October 27, 2023 | 11:05 PM IST
Smartphone exports beat estimates, cross $21 billion in FY25 so far

ऐपल के आईफोन भारत में तो काफी पहले से बन रहे हैं मगर अब टाटा समूह इन्हें बनाने वाला पहला भारतीय समूह बनने जा रहा है। ठेके पर विनिर्माण करने वाली दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी विस्ट्रॉन कॉरपोरेशन के निदेशक मंडल ने टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ शेयर खरीद समझौता करने के अपनी दो सहायक कंपनियों के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी। इसके तहत टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स 12.5 करोड़ डॉलर में विस्ट्रॉन के भारतीय कारोबार में 100 फीसदी हिस्सेदारी लेगी।

विस्ट्रॉन इन्फोकॉम मैन्युफैक्चरिंग (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड नाम की यह कंपनी भारत में आईफोन असेंबल करती है। इधर विस्ट्रॉन की सहायक ताइवानी कंपनी एसएमएस इन्फोकॉम (सिंगापुर) प्राइवेट लिमिटेड ने बाह्य वा​णि​ज्यिक उधारी (ईसीबी) के तौर पर दिया 13.02 करोड़ डॉलर का कर्ज इक्विटी में बदलने का प्रस्ताव दिया। सूत्रों के मुताबिक इसका साफ मतलब है कि भारतीय कंपनी में विस्ट्रॉन की अल्पांश हिस्सेदारी बरकरार रहेगी।

यह सौदा टाटा के लिए काफी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इसके साथ ही वह उन खास कंपनियों में शामिल हो जाएगी, जो दुनिया भर में ऐपल के लिए आईफोन असेंबल करती हैं।

फिलहाल इस सूची में विस्ट्रॉन (जो अब टाटा की हो जाएगी) के अलावा ताइवान की फॉक्सकॉन एवं पेगाट्रॉन और चीन की लक्सशेयर हैं। इस सौदे के महत्त्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ऐपल आईफोन का करीब 7 फीसदी वैश्विक उत्पादन पहले ही चीन से भारत आ चुका है। वित्त वर्ष 2026 तक कुल 18 से 20 फीसदी उत्पादन भारत में लाने का लक्ष्य है।

संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस सौदे के बारे में कहा, ‘मोबाइल विनिर्माण की दिशा में यह एक और बड़ा कदम है। इस अधिग्रहण के साथ ही देश में मोबाइल फोन उत्पादन को और मजबूती मिलेगी।’ टाटा ने इस पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

विस्ट्रॉन का प्लांट कर्नाटक के बेंगलूरु में है और वह देश में आईफोन असेंबल करने वाली एक प्रमुख कंपनी है। वह मोबाइल फोन के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की भी पात्र है। विस्ट्रॉन अभी भारत में आईफोन 14 तैयार कर रही है।

एसऐंडपी ग्लोबल इंटेलिजेंस के आंकड़ों के अनुसार फॉक्सकॉन के बाद विस्ट्रॉन भारत से आईफोन का निर्यात करने वाली दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। वित्त वर्ष 2023 में उसकी आय 198 करोड़ डॉलर रही थी, जो वित्त वर्ष 2022 में केवल 71 करोड़ डॉलर थी। भारत से आईफोन के निर्यात में विस्ट्रॉन की हिस्सेदारी 36 फीसदी है। सूत्रों ने बताया कि विस्ट्रॉन द्वारा भारत में तैयार 90 फीसदी आईफोन का निर्यात हो जाता है।

सूत्रों के अनुसार कंपनी भारत में अपना कारखाना लगाने पर 1,250 करोड़ रुपये का निवेश पहले ही कर चुकी है। उसके कर्मचारियों की संख्या 12,000 से अधिक है, जिसे तिगुना करने की योजना थी। मगर उसे अपने कारखाने में श्रम समस्या से जूझना पड़, जिससे उसकी आय पर भी असर पड़ा। श्रमिकों ने काम के घंटे बहुत अधिक होने और वेतन बकाया होने का आरोप लगाया था।

बहरहाल ऐपल के साथ कारोबार टाटा के लिए नई बात नहीं है। समूह ने टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के जरिये इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में अग्रणी कंपनी बनने की स्पष्ट रणनीति तैयार की है। ऐपल आईफोन के लिए स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला तैयार करना चाहती है ताकि 5 साल की पीएलआई योजना के अंत तक 40 फीसदी स्थानीयकरण पक्का हो सके।

First Published - October 27, 2023 | 11:05 PM IST

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