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सेमीकंडक्टर असेंबलिंग संयंत्र लगाने की तैयारी कर रहा टाटा समूह

Last Updated- December 11, 2022 | 11:15 PM IST

टाटा समूह 30 करोड़ डॉलर के निवेश से सेमीकंडक्टर असेंबली संयंत्र लगाने के लिए तीन राज्यों के साथ बातचीत कर रही है। इस मामले से अवगत दो सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह हाई-टेक विनिर्माण को बढ़ावा देने की दिशा में की जा रही पहल का हिस्सा है।
सूत्रों ने बताया कि कंपनी इसके लिए तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना से बातचीत कर रही है ताकि आउटसोस्र्ड सेमीकंडक्टर असेंबली ऐंड टेस्ट (ओएसएटी) संयंत्र के लिए भूमि हासिल की जा सके। सूत्रों ने अपनी पहचान जाहिर न करने का आग्रह किया क्योंकि इसे अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।
टाटा ने इससे पहले कहा था कि वह सेमीकंडक्टर कारोबार में उतर सकती है लेकिन इस क्षेत्र में टाटा समूह के उतरने की यह पहली खबर है। ओएसएटी संयंत्र संयंत्र पैकेज में असेंबली इकाइयां और परीक्षण फाउंड्री होती है जो सिलिकन वैफर की बनाती है और इस प्रकार तैयार समीकंडक्टर चिप का उत्पाद होता है।
एक सूत्र ने कहा कि टाटा ने इस कारखाने के लिए कुछ संभावित जगहों की पड़ताल की है लेकिन इस संबंध में अंतिम निर्णय अगले महीने तक लिए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा, ‘हालांकि सॉफ्टवेयर के मोर्चे पर वे (टाटा) काफी दमदार हैं लेकिन हार्डवेयर को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहते हैं जो दीर्घावधि वृद्धि के लिए काफी महत्त्वपूर्ण है।’
टाटा समूह और तीनों राज्यों ने इस बाबत पूछे जाने पर कोई जवाब नहीं दिया।
टाटा समूह की यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए मेक इन इंडिया अभियान को बढ़ावा देती है। इस अभियान के बल पर देश को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन विनिर्माण केंद्र पहले ही बनाया जा चुका है।
टाटा समूह के पास सॉफ्टवेयर सेवा का निर्यात करने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) पहले से ही मौजूद है। इसके अलावा वाहन से लेकर विमानन तक हर क्षेत्र में उसकी मौजूदगी है। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने इससे पहले कहा था कि कंपनी हाई-एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एवं डिजिटल कारोबार में निवेश करना चाहती है। टाटा के आएसएटी कारोबार के लिए संभावित ग्राहकों में इंटेल, एडवांस्ड माइक्रो डिवाइसेज (एएमडी) और एसटी माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं।
सूत्रों ने कहा कि इस कारखाने का परिचालन अगले साल तक शुरू होने की उम्मीद है और वहां करीब 4,000 कर्मचारी कार्यरत होंगे। उन्होंने कहा कि सही लागत पर कुशल श्रमिकों की उपलब्धता इस परियोजना के दीर्घकालिक सफलता के लिए महत्त्वपूर्ण होगी।

First Published - November 26, 2021 | 11:52 PM IST

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