Tata Motors Q4 Results: कमर्शियल और पैसेंजर व्हीकल बनाने वाली टाटा ग्रुप की दिग्गज कंपनी टाटा मोटर्स ने मंगलवार को अपनी चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2025) के रिजल्ट की घोषणा कर दी। चौथी तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा साल-दर-साल 51% गिरकर 8,470 करोड़ रुपये रहा। हालांकि, कंपनी की आय इस दौरान लगभग स्थिर रही और 1.19 लाख करोड़ रुपये दर्ज की गई। तिमाही के दौरान कंपनी का EBITDA 4% गिरकर 16,700 करोड़ रुपये रहा, जबकि EBIT 11,500 करोड़ रुपये रहा। EBITDA मार्जिन भी 60 बेसिस पॉइंट्स गिरकर 14% पर आ गया।
इसके साथ ही, टाटा मोटर्स के बोर्ड ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 6 रुपये प्रति शेयर (300%) का डिविडेंड देने की घोषणा की। कंपनी ने BSE को बताया कि उसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 6 रुपये प्रति शेयर (2 रुपये फेस वैल्यू) का अंतिम डिविडेंड देने की सिफारिश की है। ये डिविडेंड, जो शेयर की फेस वैल्यू का 300% है, कंपनी की अगली एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) में शेयरहोल्डर्स की मंजूरी के बाद लागू होगा। अगर इसे मंजूरी मिली, तो ये डिविडेंड उन शेयरहोल्डर्स को 24 जून 2025 तक मिल जाएगा, जो इसके लिए पात्र होंगे।
रिजल्ट की घोषणा से पहले आज, टाटा मोटर्स के शेयरों में लगभग 2% की गिरावट देखी गई, और कंपनी का शेयर 708 रुपये पर बंद हुआ। मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि कंपनी के लिए आगे की राह चुनौतीपूर्ण हो सकती है, क्योंकि ऑटोमोबाइल सेक्टर में मांग और आपूर्ति से जुड़ी समस्याएं बनी हुई हैं।
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कंपनी की कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में घरेलू बिक्री 99,600 यूनिट्स रही, जो पिछले साल से 5% कम है। वहीं, निर्यात 29.4% बढ़कर 5,900 यूनिट्स रहा। इस सेगमेंट की आय 0.5% गिरकर 21,500 करोड़ रुपये रही। हालांकि, बेहतर रियलाइजेशन के कारण EBITDA मार्जिन 12.2% (20 बेसिस पॉइंट्स की बढ़त) और EBIT मार्जिन 9.7% (10 बेसिस पॉइंट्स की बढ़त) रहा।
पूरे साल के लिए इस सेगमेंट की आय 4.7% घटी, लेकिन EBITDA 11.8% रहा। साल में इस बिजनेस ने 6,600 करोड़ रुपये का अब तक का सबसे ज्यादा मुनाफा कमाया। टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ ने कहा, “हम टिकाऊ और लाभकारी विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और सभी सेगमेंट्स में वाहन मार्केट शेयर बढ़ाएंगे।”
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पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में तिमाही के दौरान 1,47,000 यूनिट्स की बिक्री हुई, जो पिछले साल से 5% कम है। आय भी 13% गिरकर 12,500 करोड़ रुपये रही। EBIT मार्जिन 130 बेसिस पॉइंट्स घटकर 1.6% रहा, जिसका कारण कम बिक्री और रियलाइजेशन था। हालांकि, लागत में कटौती और इंसेंटिव्स ने कुछ राहत दी।
इस तिमाही में ICE (इंटरनल कंबशन इंजन) बिजनेस का EBITDA मार्जिन 8.2% रहा, जबकि EV बिजनेस 6.5% के साथ EBITDA पॉजिटिव रहा। पूरे साल में PV बिजनेस की आय 7.5% घटी, मुख्य रूप से हैचबैक की बिक्री में कमी के कारण।
टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स के MD शैलेश चंद्रा ने कहा, “इस साल मांग में उतार-चढ़ाव के बावजूद हमने SUV सेगमेंट में बढ़त बनाई और CNG बिक्री में बाजार से बेहतर प्रदर्शन किया। हमारी मल्टी-पावरट्रेन रणनीति के चलते CNG और इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी हमारे पोर्टफोलियो में 36% हो गई।”
भविष्य की योजना पर बात करते हुए कंपनी ने कहा कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की ग्रोथ SUVs, CNG, और EVs जैसे सेगमेंट्स से आएगी। टाटा मोटर्स ग्राहकों की बदलती पसंद के हिसाब से नए इनोवेशन पर जोर देगी। पूरे साल में ऑटोमोटिव फ्री कैश फ्लो 22,400 करोड़ रुपये रहा, जो FY24 के 26,900 करोड़ रुपये से कम है।
टाटा ग्रुप की ही कंपनी जगुआर लैंड रोवर ने इस तिमाही में 7.7 बिलियन पाउंड की आय दर्ज की, जो पिछले साल की तुलना में 1.7% कम है। हालांकि, पूरे साल की आय 29 बिलियन पाउंड रही, जो पिछले साल के बराबर है। तिमाही में JLR का प्री-टैक्स प्रॉफिट 875 मिलियन पाउंड रहा, जो पिछले साल की चौथी तिमाही के 661 मिलियन पाउंड से ज्यादा है। यह बढ़ोतरी ज्यादा बिक्री और डेप्रिसिएशन लागत में कमी के कारण हुई। EBIT मार्जिन भी 150 बेसिस पॉइंट्स बढ़कर 10.7% हो गया।
JLR के डिफेंडर मॉडल ने FY25 में 1,15,404 यूनिट्स की रिकॉर्ड बिक्री की, जबकि रेंज रोवर स्पोर्ट की बिक्री में 20% की बढ़ोतरी हुई। JLR के CEO एड्रियन मार्डेल ने कहा, “हमने लगातार दसवीं तिमाही में मुनाफा कमाया और नेट डेट जीरो का टारगेट हासिल किया। हम रेंज रोवर इलेक्ट्रिक लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं।”
कंपनी ने बताया कि अप्रैल 2025 में अमेरिका की नई ट्रेड टैरिफ नीतियों का असर कम करने के लिए तुरंत कदम उठाए थे, जो ऑटोमोबाइल सेक्टर को प्रभावित कर रही थी।
कंपनी ने कहा, “8 मई 2025 को अमेरिका और यूके के बीच एक ट्रेड डील हुई, जिसका हम स्वागत करते हैं। इस डील से यूके से अमेरिका जाने वाली गाड़ियों पर टैरिफ 27.5% से घटकर 10% हो गया, वो भी 1 लाख गाड़ियों की सीमा तक। इस डील से हमारे सेक्टर और स्टेकहोल्डर्स को थोड़ी राहत मिली है। हम यूके सरकार के साथ इस डील की बारीकियों पर बात करते रहेंगे। हमारा फोकस अपने ग्लोबल क्लाइंट्स को बेहतर सर्विस देना और ट्रांसफॉर्मेशन व एफिशिएंसी प्रोग्राम्स के जरिए EBIT को बनाए रखना है। आगे देखें तो हम अगले पांच साल में 18 बिलियन पाउंड का निवेश करेंगे, जो ऑपरेशनल कैश फ्लो से फंड होगा। हम ग्लोबल चुनौतियों का असर देख रहे हैं और 16 जून 2025 को होने वाले इनवेस्टर डे में इस बारे में अपडेट देंगे।”