तंजानिया ने अदाणी समूह (Adani Group) के साथ अपने अनुबंध को बरकरार रखने की बात कही है। समूह के प्रमुख गौतम अदाणी एवं अन्य पर रिश्वत देने और धोखाधड़ी का आरोप अमेरिका में लगाए जाने के बावजूद उसने यह फैसला किया है। यह जानकारी बंदरगाह प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है।
अदाणी पर पिछले हफ्ते धोखाधड़ी और विद्युत आपूर्ति सौदा हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ डॉलर रिश्वत देने का आरोप लगा था। इस मामले में अदाणी और उनके भतीजे पर गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया था। हालांकि, अदाणी समूह ने इन सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया है।
मई में तंजानिया ने अपने दार एस सलाम बंदरगाह पर कंटेनर टर्मिनल चलाने के लिए अदाणी समूह की कंपनी अदाणी पोर्ट्स के साथ 30 साल का रियायती अनुबंध किया था। दार एस सलाम पोर्ट को कंटेनर टर्मिनल 2 के नाम से भी जाना जाता है।
अदाणी समूह ने सरकारी तंजानिया इंटरनैशनल कंटेनर टर्मिनल सर्विसेज में 95 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 9.5 करोड़ डॉलर में शेयर खरीद समझौता भी किया।
अनुबंध की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर तंजानिया बंदरगाह प्राधिकरण के महानिदेशक प्लासड्यूस मबोसा ने मंगलवार की देर रात समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा था, ‘हमें किसी के साथ कोई परेशानी नहीं है। हम अपने कानून और समझौतों के मुताबिक हर काम कर रहे हैं। हमारे पास जो अनुबंध हैं, उनमें गलत काम के दावे नहीं हैं। यदि कोई व्यक्ति कार्रवाई कर रहा है तो वह अपने कारणों से कर रहा होगा।’
उल्लेखनीय है कि बीते हफ्ते पड़ोसी देश केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने पारेषण लाइन बनाने के लिए अदाणी समूह की एक कंपनी के साथ अपना करार रद्द कर दिया था। इसके अलावा उन्होंने जोमो केन्याटा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दूसरा रनवे बनाने और 30 साल के पट्टे के बदले यात्री टर्मिनल को अपग्रेड करने के प्रस्ताव को भी रद्द कर दिया। रॉयटर्स