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Sundar Pichai: Google के CEO सुंदर पिचाई AI बूम की बदौलत अरबपति बनने के करीब

पिचाई के CEO बनने के बाद से Google के प्रोडक्ट में भारी विस्तार हुआ है, जिसमें Google Assistant, Google Home, Google Pixel और Google Workspace शामिल हैं।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- April 30, 2024 | 6:12 PM IST

पिछले 7 सालों से Google के CEO के रूप में कार्यरत, सुंदर पिचाई एक बड़ी उपलब्धि हासिल करने के करीब हैं। पिचाई के नेतृत्व में कंपनी के शेयरों में 400% से अधिक की वृद्धि हुई है, जिसने बाजार के रुझान को भी पीछे छोड़ दिया है। हाल ही में कंपनी की पहली तिमाही की आय उम्मीदों से बेहतर रही और उसने पहली बार लाभांश भी दिया है।

इन सबका फायदा पिचाई की संपत्ति को बढ़ा रहा है और उन्हें दुनिया के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले CEOs में से एक बना दिया है। पिचाई की कुल संपत्ति अब 1 बिलियन डॉलर के करीब हो गई है।

सुंदर पिचाई का जन्म भारत के चेन्नई में हुआ था। उनका बचपन कठिनाइयों से भरा था। वे एक छोटे से दो कमरों वाले अपार्टमेंट में रहते थे, जहां वे और उनके भाई लिविंग रूम के फर्श पर सोते थे। इंटरव्यू में पिचाई ने बताया है कि उनके बचपन के अधिकांश समय में उनके पास टेलीविजन या कार जैसी सुविधाएं नहीं थीं। कभी-कभी उनके घर में पानी भी नहीं होता था। 12 साल की उम्र में, उनके परिवार को पहला रोटरी टेलीफोन मिला।

पिचाई का कहना है कि इसी टेलीफोन ने उन्हेंटेक्नॉलजी की दुनिया से परिचित कराया। उनके पिता, जो ब्रिटिश समूह GEC में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे, के काम को देखकर युवा पिचाई भी टेक इंडस्ट्री की ओर आकर्षित हुए। पिचाई ने स्कूल में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया और खड़गपुर के प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए प्रवेश पाया।

IIT खड़गपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद, सुंदर पिचाई को अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से स्कॉलरशिप मिली। यह उनके लिए एक बड़ा मौका था, लेकिन अमेरिका जाने का खर्च उठाना उनके परिवार के लिए आसान नहीं था। पिचाई के पिता, जो एक मध्यमवर्गीय परिवार से थे, ने अपनी बचत से 1,000 डॉलर निकाले – जो उनकी एक साल की तनख्वाह से भी अधिक थी – ताकि वे अपने बेटे के हवाई जहाज के टिकट और अन्य खर्चों को पूरा कर सकें।

पिचाई ने 2014 में एक इंटरव्यू में कहा था, “मेरे पिता और मां ने वही किया जो उस समय बहुत से माता-पिता करते थे। उन्होंने अपने जीवन का बहुत कुछ त्याग कर दिया और अपनी बच्चों की शिक्षा के लिए अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा खर्च कर दिया।”

पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से एमबीए करने और मैककिन्से में सलाहकार के रूप में काम करने के बाद, 2004 में पिचाई ने Google में प्रोडक्ट मैनेजर के रूप में नौकरी ज्वाइन की। यहां उन्होंने Google टूलबार और Google Chrome के लिए काम किया।

सुंदर पिचाई की विनम्रता और आम सहमति बनाने की क्षमता ने उन्हें शुरुआत से ही खास बना दिया था। उनके साथ Google में शुरुआती दिनों में काम करने वाले नरेंद्र देसाई बताते हैं कि पिचाई कभी भी सबसे प्रभावशाली आवाज बनने की कोशिश नहीं करते थे। वे सहज रहते थे और यही बात उन्हें मजबूत राय रखने वाले लोगों के बीच एक बेहतरीन मध्यस्थ बनाती थी। यही वजह है कि 2015 में सह-संस्थापक लैरी पेज ने उन्हें Google का CEO चुना। खुद अल्फाबेट के CEO बने।

2019 में पिचाई ने वो भूमिका भी अपने कंधों पर ले ली जब पेज और सह-संस्थापक सर्गेई ब्रिन (दुनिया के 10 सबसे अमीर लोगों में से दो) ने खुद को रोज़ाना के कामकाज से अलग कर लिया।

सह-संस्थापकों ब्रिन और पेज (जिनकी कुल संपत्ति लगभग 300 बिलियन डॉलर है) ने 2019 के एक पत्र में पिचाई की तारीफ करते हुए कहा था, “अल्फाबेट की स्थापना के बाद से हम जिस पर अधिक निर्भर रहे हैं, और Google और अल्फाबेट का नेतृत्व करने के लिए इससे बेहतर कोई व्यक्ति नहीं है।”

पिचाई के CEO बनने के बाद से Google के प्रोडक्ट में भारी विस्तार हुआ है, जिसमें Google Assistant, Google Home, Google Pixel और Google Workspace शामिल हैं। वे AI को अपनाने वालों में सबसे आगे थे और इसे “एक पीढ़ी में एक बार मिलने वाला अवसर” बताते हैं। हालांकि, अल्फाबेट के AI प्रोजेक्ट की आलोचना हुई है और कुछ निवेशक OpenAI के साथ प्रतिस्पर्धा करने की उनकी काबिलियत पर सवाल उठाते हैं। फिर भी, पिछले हफ्ते की कमाई ने संकेत दिया कि कंपनी के AI में किए गए निवेश का अब फायदा मिलना शुरू हो गया है।

पिचाई की कुल संपत्ति में मौजूदा शेयरों का मूल्य $424 मिलियन और CEO बनने के बाद बेचे गए शेयरों से लगभग $600 मिलियन शामिल है। माना जाता है कि बेचे गए शेयरों पर टैक्स चुकाया गया और फिर से शेयर बाजार में निवेश कर दिया गया।

नरेंद्र देसाई, जिन्होंने Google में पिचाई के साथ शुरुआती दिनों में काम किया था, का कहना है कि पिचाई का अरबपति बनना इस बात का प्रमाण है कि उन्होंने कंपनी के टॉप पद पर रहते हुए कितनी वैल्यू बनाआ है। देसाई के शब्दों में, “इससे मुझे सबसे पहले यह पता चलता है कि उन्होंने शेयरधारकों के लिए सही काम किया है। उन्हें लाभ हुआ है क्योंकि Google के शेयरों ने वाकई अच्छा प्रदर्शन किया है।”

First Published : April 30, 2024 | 6:12 PM IST