Startup Mahakumbh 2024: भारतीय स्टार्टअप के सबसे बड़े आयोजन ‘स्टार्टअप महाकुंभ’ में निवेशकों और उद्यमियों ने इस बात पर जोर दिया कि फिनटेक कंपनियों को ग्राहकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नियमों के दायरे में काम करना चाहिए।
यह सलाह ऐसे समय में दी गई है जब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गलती करने वाली फिनटेक कंपनियों को मौजूदा नियमों का पालन कराने के लिए सख्ती दिखाई है।
3वन4 कैपिटल में पार्टनर सिद्धार्थ पई ने जीरोधा के दिनेश पई के साथ अनौपचारिक बातचीत में कहा, ‘भारत में, बैंकों ने नियामक के लिए टेक्नोलॉजी तैयार की है, उपभोक्ता के लिए नहीं। यह फिनटेक ही है जिसने ग्राहक की सेवा करने वाली प्रौद्योगिकी बनाई है। अच्छे फिनटेक उद्यमी और कंपनियां वे हैं जिन्होंने विनियमन को स्वीकार किया है और साथ ही ग्राहक जरूरतों को पूरा किया है।’
ये सुझाव ऐसे समय में सामने आए हैं जब भारत के सबसे बड़े फिनटेक स्टार्टअप में से एक पेटीएम को नियामकीय चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले महीने आरबीआई ने पेटीएम के पेमेंट्स बैंक पर शिकंजा कसा था और कुछ खामियां होने की वजह से उसके जमा एवं ऋण लेनदेन को प्रतिबंधित कर दिया।
ग्रो के सह-संस्थापक हर्ष जैन ने कहा कि यदि कंपनियां नियामकों और सरकारों के अनुरूप काम करें तो वे नवाचार को बढ़ावा देने में सक्षम हो सकती हैं और इससे उन्हें ज्यादा आसानी से ग्राहकों तक पहुंचने में मदद मिल सकती है।
नियामकीय सख्ती के अलावा, फिनटेक स्टार्टअप को फंडिंग संबंधित चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। फिनटेक क्षेत्र में भी 2023 में कोष उगाही में गिरावट दर्ज की गई।