केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा कि स्टार्ट-अप की संख्या में भारी उछाल मोदी सरकार की बड़ी सफलता है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले जहां लगभग 350 स्टार्ट-अप थे, वहीं अब 92,683 स्टार्ट-अप हैं। यहां उपस्थित युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने सिर्फ 2022 में 26,542 स्टार्ट-अप को मान्यता दी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2014 से पहले सिर्फ 350 स्टार्ट-अप थे लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2015 में अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में लाल किले की प्राचीर से आह्वान करने और 2016 में एक विशेष स्टार्ट-अप योजना शुरू करने के बाद, इसमें भारी उछाल आया और भारत में आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप परिवेश तंत्र है। उन्होंने कहा कि भारत में इस समय 92,683 स्टार्ट-अप और 115 से ज्यादा यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाले स्टार्टअप) काम कर रहे हैं और उन्हें हर संभव मदद दी जा रही है।
कार्मिक मंत्रालय के अनुसार, भारत में प्रौद्योगिकी उद्योग का प्रमुख संगठन नैस्कॉम का एक अध्ययन बताता है कि प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप ने 2017 से 2021 के बीच 23 लाख प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा किए। सिंह ने कहा कि भारत का युवा आज धीरे-धीरे सरकारी नौकरी की सोच से बाहर निकल रहा है और अलग-अलग क्षेत्रों में आजमाइश करने और नए अवसर पैदा करने के लिए तैयार है, जिससे नौकरी के अवसर पैदा हों।
संभल में केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी युवाओं से संवाद करते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में सरकार का ध्यान मुख्य रूप से ना सिर्फ रोजगार बल्कि उद्यमिता पैदा करने पर भी रहा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी युवाओं को नए उद्यमी, नए उत्पादक बनते देखना चाहते हैं और इन नए उद्यमियों के माध्यम से देशभर में स्टार्ट-अप का एक संपूर्ण नेटवर्क तैयार करना चाहते हैं।