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ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के शेयरधारकों की चाहत, प्रोफेशनल के हाथों में हो ज़ी का परिचालन

कंपनी के प्रवर्तक समूह के सात सदस्य हैं और उनके पास कुल वोटिंग अधिकार का 3.99 फीसदी है, वहीं 96.01 फीसदी वोटिंग अधिकार आम शेयरधारकों के पास है।

Last Updated- November 29, 2024 | 10:00 PM IST
Zee Entertainment

ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज का शेयर शुक्रवार को एनएसई पर 4.87 फीसदी चढ़कर 129.10 रुपये पर बंद हुआ जब शेयरधारकों ने मुख्य कार्याधिकारी पुनीत गोयनका की कंपनी के निदेशक के तौर पर दोबारा नियुक्ति के खिलाफ मतदान किया।

ज़ी की तरफ से स्टॉक एक्सचेंजों को भेजी सूचना में कहा गया है, कंपनी की सालाना आम बैठक में 50.45 फीसदी शेयरधारकों ने दोबारा नियुक्ति के खिलाफ मतदान किया जबकि 49.54 फीसदी शेयरधारकों का मत इसके पक्ष में था।

प्रॉक्सी सलाहकारों ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि शेयरधारकों का यह फैसला बताता है कि वे चाहते हैं कि कंपनी का परिचालन प्रवर्तक समूह के बजाय प्रोफेशनल करें। कंपनी के प्रवर्तक समूह के सात सदस्य हैं और उनके पास कुल वोटिंग अधिकार का 3.99 फीसदी है, वहीं 96.01 फीसदी वोटिंग अधिकार आम शेयरधारकों के पास है।

प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म इनगवर्न के संस्थापक व प्रबंध निदेशक श्रीराम सुब्रमण्यन ने कहा, उम्मीद के मुताबिक शेयरधारकों ने पुनीत गोयनका की दोबारा नियुक्ति के खिलाफ मतदान किया। इस मतदान से शेयरदारकों ने शायद संकेत दिया है कि वे नेतृत्व में बदलाव चाहते हैं।

उन्होंने कहा, पुनीत गोयनका ने प्रबंध निदेशक का पद छोड़कर सिर्फ सीईओ बने रहकर शायद कंपनी में बने रहने की अपनी मंशा जताई हो, लेकिन यह शेयरधारकों के लिए इच्छित परिणाम नहीं है। शेयरधारकों के ट्रस्टी के तौर पर निदेशक मंडल को नेतृत्व में परिवर्तन करने की दरकार है।

इस महीने गोयनका ने निदेशक मंडल को उन्हें प्रबंध निदेशक के पद से मुक्त करने का अनुरोध किया था ताकि वे सीईओ के तौर पर परिचालन की अपनी भूमिका पर पूरा ध्यान केंद्रित कर सकें। प्रॉक्सी एडवाइजर ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, कंपनी के इस तरह से कामकाज करने के स्टाइल से कुछ निवेशकों को वर्षों से परेशानी रही है। उन्होंने कहा, कुछ ऐसे मसले थे जो सेबी द्वारा उठाए गए थे और जिन्हें इनवेस्को जैसे अन्य निवेशकों ने पत्रों में उठाया था, जिससे पता चलता है कि इनका हल सही तरीके से नहीं निकाला गया है।

पिछले कुछ वर्षों में ज़ी एंटरटेनमेंट को कई बाधाओं का सामना करना पड़ा है, जिनमें से सबसे बड़ी है जापान के सोनी समूह के साथ इसका 10 बिलियन डॉलर का असफल विलय। साथ ही, रकम की हेराफेरी और कथित धोखाधड़ी के लिए नियामक की जांच ने मनोरंजन दिग्गज को प्रभावित किया है।

सुब्रमण्यन ने यह भी कहा, सेबी को कंपनी को कारण बताओ नोटिस भेजना चाहिए और पूछना चाहिए कि बदलाव की शेयरधारकों की मांग का क्रियान्वयन क्यों नहीं हो रहा है।

First Published - November 29, 2024 | 10:00 PM IST

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