सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार कंपनियों, जैसे वोडाफोन आइडिया (Vi) और भारती एयरटेल द्वारा दायर क्यूरेटिव याचिकाओं को गुरुवार को खारिज कर दिया। ये याचिकाएं एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) विवाद से जुड़ी थीं। कंपनियों ने दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा AGR बकाया की गणना में ‘गणितीय त्रुटियों’ को सुधारने की मांग की थी। कंपनियों की ये याचिकाएं इन त्रुटियों को ठीक करने के लिए दायर की गई थीं।
प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की पीठ ने दूरसंचार कंपनियों की उस याचिका को भी खारिज कर दिया जिसमें सुधारात्मक याचिकाओं को खुली अदालत में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया गया था। सुधारात्मक याचिका सुप्रीम कोर्ट में अंतिम विकल्प होती है, जिसके बाद अदालत में कोई और कानूनी रास्ता नहीं बचता। इस पर आमतौर पर बंद कमरे में विचार किया जाता है, जब तक कि पुनर्विचार के लिए कोई ठोस आधार न हो।
पीठ ने 30 अगस्त को जो आदेश सुनाया था, उसे गुरुवार को सार्वजनिक किया गया। इसमें कहा गया, “सुधारात्मक याचिकाओं को खुली अदालत में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आवेदन खारिज किया जाता है। हमने सभी याचिकाओं और दस्तावेजों पर विचार किया है और यह पाया है कि रूपा अशोक हुर्रा बनाम अशोक हुर्रा मामले में तय मानदंडों के अनुसार कोई ठोस मामला नहीं बनता है। इसलिए, सुधारात्मक याचिकाएं खारिज की जाती हैं।”
पिछले साल 9 अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने कुछ दूरसंचार कंपनियों की याचिकाओं पर गौर किया था, जिसमें एजीआर (समायोजित सकल राजस्व) बकाया के मुद्दे पर याचिकाएं सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया गया था। इससे पहले, जुलाई 2021 में, अदालत ने एजीआर बकाया की गणना में त्रुटियों को सुधारने की मांग वाली याचिका भी खारिज कर दी थी।
दूरसंचार कंपनियों ने दावा किया था कि एजीआर बकाया की गणना में कई गलतियां थीं, जिनकी वजह से यह राशि एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई थी, और उन्होंने इसे सुधारने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
वोडाफोन के शेयर में गिरावट
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vi) के शेयर में गिरावट देखने को मिल रही है। दोपहर 1:30 बजे, कंपनी के शेयर 15.35 फीसदी फिसलकर 10.92 के स्तर पर आ गिरे।