पीडब्ल्यूसी इंडिया संबंधित पेशेवर संस्थाओं और नियामकों के साथ पूरी तरह से जुड़ने के लिए प्रतिबद्ध है तथा उसे उम्मीद है कि आईसीएआई अंतरराष्ट्रीय नेटवर्किंग नियम लाने से पहले सभी संबंधित हितधारकों से इनपुट लेगा। पीडब्ल्यूसी इंडिया के चेयरपर्सन संजीव कृष्ण ने राघव अग्रवाल के साथ बातचीत में यह जानकारी दी। प्रमुख अंश …
पीडब्ल्यूसी इंडिया में कर्मचारी समूह का मौजूदा आकार कितना है?
भर्ती के हमारे प्रयास देश भर में व्याप्त हैं, जिसके नतीजतन अत्यधिक विविध और समृद्ध टीम संरचना तैयार हुई है। अपनी नई इक्वेशन स्ट्रैटजी की महत्त्वाकांक्षाओं के अनुरूप हमने पिछले कुछ साल में अपनी नियुक्तियों में खासा इजाफा किया है।
क्या आप चालू वर्ष में और ज्यादा नियुक्तियां करने की योजना बना रहे हैं?
हम वृद्धि संबंधी अपनी महत्त्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नियुक्तियां करना जारी रखेंगे।
विलय और अधिग्रहण में फिलहाल सबसे सक्रिय क्षेत्र कौन से हैं?
पिछले कई साल से भारत में वैश्विक कंपनियों और निजी इक्विटी फर्मों से समान रूप से महत्वपूर्ण निवेश देखा गया है। क्षेत्रवार पारंपरिक क्षेत्रों ने अग्रणी भूमिका निभाई और सौदों के परिवर्तनशील परिदृश्य में महत्वपूर्ण निवेश आकर्षित किया। मूल्य के लिहाज से मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र तालिका में शीर्ष पर रहे, जबकि सौदों की मात्रा के लिहाज से खुदरा और उपभोक्ता क्षेत्र आगे रहे।
आने वाले महीनों में किन क्षेत्रों में विलय और अधिग्रहण की गतिविधि तेज होने के आसार हैं?
भविष्य को देखते हुए वर्तमान रफ्तार के आधार पर जो तीन क्षेत्र सामने आते हैं, वे हैं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा और खुदरा एवं उपभोक्ता क्षेत्र। अक्षाय ऊर्जा और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में भी कुछ सौदे हुए हैं।
आईसीएआई की हालिया कार्रवाइयों पर आपकी क्या राय है?
हमने बिग 4 में से एक के संबंध में आईसीएआई की अनुशासन समिति द्वारा हाल ही में जारी किए गए आदेशों को देखा है। इस संबंध में, चूंकि मामला विचाराधीन है, इसलिए हम कोई और टिप्पणी देने में असमर्थ हैं। चूंकि मामला विचाराधीन है, इसलिए इस संबंध में हम कुछ और नहीं कह सकते हैं।
मीडिया की हाल की खबरों के जरिये हमें जानकारी मिली है कि वर्तमान में आईसीएआई घरेलू सीए फर्मों और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्किंग के एकीकरण के संबंध में दिशानिर्देशों पर काम कर रहा है और अगले तीन महीनों में दिशानिर्देश लेकर आएगा। हमें उम्मीद है कि ऐसा कोई भी दिशानिर्देश जारी करने से पहले सभी संबंधित हितधारकों का इनपुट लिया जाएगा।