देश के प्रीमियम स्मार्टफोन बाजार की दौड़ में सैमसंग पिछड़ रहा है। उसकी प्रतिस्पर्धी ऐपल ने आईफोन की दमदार बिक्री और त्योहारी सीजन में छूट की बदौलत इस श्रेणी में अपना दबदबा बढ़ाना बरकरार रखा है। ऐपल के मुख्य कार्य अधिकारी टिम कुक ने सितंबर तिमाही के दौरान भारत में एक बार फिर अब तक का सर्वाधिक राजस्व दर्ज करने का ऐलान किया।
इसके तुरंत बाद ही कंपनी ने बताया कि उसने कैलेंडर वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही के दौरान आईफोन 15 और आईफोन 13 की अगुआई में डीलरों को भेजी गई 40 लाख फोन की खेपों के साथ अब तक की सर्वश्रेष्ठ तिमाही दर्ज की है। इंटनैशनल डेटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है।
आईफोन 15 और आईफोन 13 जैसे फोन की बिक्री से प्रेरित प्रीमियम स्मार्टफोन श्रेणी (600 से 800 डॉलर के बीच), जिसमें ऐपल का कारोबार है, ने सालाना आधार पर 86 प्रतिशत की सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की है। इससे इस श्रेणी की कुल हिस्सेदारी एक साल पहले की 2 प्रतिशत से बढ़कर 4 प्रतिशत हो गई। इस तरह इस श्रेणी में ऐपल की हिस्सेदारी बढ़कर 71 प्रतिशत हो गई जबकि सैमसंग की घटकर 19 प्रतिशत रह गई जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 30 प्रतिशत थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि डीलरों को भेजी गई आईफोन 15 तथा आईफोन 13 की सर्वाधिक खेपों के साथ आईफोन की विनिर्माता ऑनलाइन चैनल में दूसरी सबसे बड़ी कंपनी के रूप में भी उभरी है। हालांकि ऐपल ने अपने नए आईफोन मॉडलों पर अपना जोर बढ़ा दिया है, लेकिन भारत के मूल्य के प्रति संवेदनशील बाजार में इसके पुराने आईफोनों का अच्छा प्रदर्शन दिख रहा है।
आईडीसी के एसोसिएट उपाध्यक्ष (डिवाइसेज रिसर्च) नवकेंद्र सिंह ने कहा, ‘त्योहारी सीजन की बिक्री के दौरान आईफोन 15 करीब 55,000 रुपये और आईफोन 13 लगभग 45,000 रुपये में बिक रहा था। पूरे साल के दौरान ऐपल की कुल बिक्री का दो-तिहाई हिस्सा आम तौर पर पुरानी पीढ़ी के फोनों का रहता है।’ इस बीच स्मार्टफोन का व्यापक बाजार लगातार पांचवीं तिमाही में सालाना आधार पर 5.6 प्रतिशत की दर से बढ़कर 4.6 करोड़ तक पहुंच गया।
तीसरी तिमाही में वॉल्यूम के लिहाज से छठी सबसे बड़ी कंपनी के रूप में अपनी स्थिति कायम रखने के बावजूद ऐपल की बाजार हिस्सेदारी एक साल पहले की 5.7 प्रतिशत से बढ़कर इस तिमाही के दौरान 8.6 प्रतिशत हो गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि कैलेंडर वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही की सैमसंग की हिस्सेदारी 16.2 प्रतिशत से घटकर इस साल 12.3 प्रतिशत रह गई है।