विमानन सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में पिछले साल अच्छा-खासा इजाफा हुआ था, लेकिन इस बार शायद उन्हें थोड़े से ही काम चलाना होगा।
दरअसल, विमानन व्यवसाय में हो रहे घाटे की वजह से कंपनियां सैलरी में व्यापक वृद्धि की योजना पर फिलहाल ब्रेक लगाने का मन बना रही हैं। एविएशन इंडस्ट्री के जानकारों का मानना है कि पायलट और एक्जिक्यूटिव श्रेणी के कर्मचारियों की सैलरी में अधिकतम 3 से 6 फीसदी का इजाफा हो सकता है, जबकि पिछले साल सैलरी में 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी।
सच तो यह है कि एविएशन सेक्टर में कर्मचारियों के वेतन पर कुल आय का 14 फीसदी खर्च किया जाता है, जबकि अन्य क्षेत्रों में यह खर्च 6 से 8 फीसदी के बीच रहता है। यही वजह है कि कंपनियां सैलरी के जरिए घाटे की भरपाई करना चाहती हैं।
हालांकि अभी तक किसी भी एयरलाइंस कंपनी ने वेतन वृद्धि का खुलासा नहीं किया है, लेकिन विमानन क्षेत्र से जुड़े एक एक्जिक्यूटिव ने बताया कि सैलरी में अधिकतम 6 फीसदी की बढोतरी हो सकती है। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि लो-कॉस्ट एयरलाइंस कंपनियां अपने कर्मचारियों के वेतन में 3 फीसदी की वृद्धि कर सकती है।
सच है, 911 (वर्ष 2001) की घटना ने एयरलाइंस कंपनियों को खासा प्रभावित किया था और साल 2001 में तो कई कंपनियों की ओर से अपने कर्मचारियों को टोकन राशि के तौर पर सैलरी में 500 रुपये की वृद्धि की गई थी। स्थिति इस बार भी कुछ अच्छी नहीं है। कई एयरलाइंस कंपनियां 3 फीसदी तक वेतव वृद्धि की बात कर रही है, तो कुछ का मानना है कि इतना कम वृद्धि से अच्छा है कि सैलरी बढ़ाई ही न जाए।
प्रभुदास लीलाधर ब्रोकिंग फर्म के एविएशन एनालिस्ट अंकित मात्रे का मानना है कि एयरलाइंस कंपनियां मैनपावर कॉस्ट में कटौती की योजना बना रही है, क्योंकि ईंधन की लागत बढ़ जाने से कंपनी का मुनाफा काफी घट गया है। चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक विमानन कंपनियों को 40 अरब रुपये का घाटा होने का अनुमान है।
जेट एयरवेज के वरिष्ठ महाप्रबंधक (एचआर) एस.चालके का कहना है कि एविएशन क्षेत्र में विदेशी कंपनियों के आ जाने से किराए में काफी कमी आई है, वहीं कर्मचारियों के वेतन में पिछले तीन-चार सालों के दौरान 100 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। सिंपलीफ्लाई डेक्कन के एक एक्जिक्यूटिव ने बताया कि एक ओर कंपनियों की लागत बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर को-पायलट, केबिन क्रू और इंजीनियर्स आदि के लिए काफी संख्या में लोग आवेदन कर रहे हैं।