इस सप्ताह की शुरुआत में अदाणी ग्रीन एनर्जी के कार्यकारी निदेशक सागर अदाणी ने मुंबई में भारतीय स्टेट बैंक के एक कार्यक्रम में समूह के ऊर्जा कारोबार का एक महत्वाकांक्षी विजन पेश किया। राजेश अदाणी के 30 वर्षीय मृदुभाषी बेटे ने ऐलान किया कि समूह बड़े पैमाने पर सौर, पवन और हाइब्रिड ऊर्जा परियोजनाओं को विकसित करने के लिए अगले पांच वर्षों में लगभग 35 बिलियन डॉलर निवेश करने की योजना बना रहा है। यह अगले दशक में अदाणी समूह की 100 अरब डॉलर व्यापक निवेश रणनीति का हिस्सा है।
इस घटनाक्रम के कुछ ही दिनों के भीतर ब्राउन यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र सागर खुद को एक विवाद में घिरा पा रहे हैं। भारत सरकार के अधिकारियों को कथित तौर पर रिश्वत देने के आरोप में अमेरिकी अभियोजकों ने अन्य लोगों के साथ-साथ उनका नाम लिया है। अदाणी समूह के एक प्रवक्ता ने अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग द्वारा अदाणी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को निराधार बताया और कहा कि इन नामों को हटवाने के लिए हरसंभव कानूनी उपाय किए जएंगे।
1988 में अदाणी समूह के अरबपति संस्थापक गौतम अदाणी ने अपने भाइयों विनोद और राजेश के साथ लगभग शून्य से एक कमोडिटी ट्रेडिंग कंपनी के साथ सुरुआत की। समूह ने बंदरगाहों, हवाई अड्डों, कोयला और बिजली उत्पादन और वितरण, सीमेंट और मीडिया में पैर फैलाए और 125 अरब डॉलर की पारिवारिक संपत्ति खड़ी की। इस साल अगस्त में ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार गौतम अदाणी के बेटे करण और जीत, विनोद अदाणी के बेटे प्रणव और राजेश अदाणी (अध्यक्ष गौतम अदाणी के छोटे भाई) के बेटे सागर सहित परिवार की अगली पीढ़ी को काम संभलाते हुए हर वारिस की भूमिका स्पष्ट की गई।
स्नातक स्तर की पढ़ाई के तुरंत बाद 2015 में अदाणी समूह में शामिल हुए सागर ने परियोजनाओं में अपना करियर शुरू किया। अब समूह के हरित ऊर्जा व्यवसाय का चेहरा बने सागर को अदाणी ग्रीन एनर्जी के संपूर्ण सौर और पवन पोर्टफोलियो के निर्माण का श्रेय दिया जाता है। समूह की वेबसाइट पर पोस्ट की गई प्रोफ़ाइल के अनुसार सागर वर्तमान में संगठन निर्माण के साथ-साथ अदाणी ग्रीन एनर्जी के सभी रणनीतिक और वित्तीय मामलों को देखते हैं।
अमेरिकी अभियोजकों के आरोपों के अनुसार सागर अक्टूबर 2018 से आज तक इंडिया एनर्जी कंपनी के निदेशक मंडल में कार्यकारी निदेशक थे। अमेरिकी न्याय विभाग की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए आरोपों के मुताबिक सागर अदाणी को 2021 में इंडिया एनर्जी कंपनी के यूएस बॉन्ड इश्यू के संयुक्त बुक रनर्स ने एक प्रश्नावली ईमेल की थी और एक सत्र आयोजित किया गया था। इसमें विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम के अनुपालन के बारे में प्रश्न शामिल थे। साथ ही यह भी कि क्या इंडियन एनर्जी कंपनी या निदेशकों/अधिकारियों सहित अन्य ने सरकार को कोई गैरकानूनी भुगतान किया है।