रूस की फर्म ट्रांसमैशहोल्डिंग (टीएमएच) और रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के संयुक्त उद्यम ने 200 लाइटवेट वंदे भारत ट्रेनों के मैन्युफैक्चरिंग व रखरखाव के लिए सबसे कम बोली लगाई है।
बिजनेस स्टैंडर्ड को मिली जानकारी के मुताबिक कंसोर्टियम ने करीब 58,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई है, जिसमें एक ट्रेन सेट के विनिर्माण की लागत 120 करोड़ रुपये है। यह आक्रामक बोली है क्योंकि रेलवे का अनुमन था कि एक ट्रेन की लागत 130 करोड़ रुपये आएगी।
एक दिन पहले के तकनीकी दौर में 5 बोलीदाता- फ्रेंच रोलिंग स्टॉक दिग्गज अल्सटम, स्विस फर्म स्टैडरल रेल के साथ मेधा सर्वो, सरकारी कंपनी बीईएमएल लिमिटेड के साथ जर्मन दिग्गज सीमंस, भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) के साथ कोलकाता की टीटागढ़ वैगन्स और टीएमएच-आरवीएनएल को पात्र घोषित किया गया था।
दूसरी सबसे कम बोली टीटागढ़-बीएचईएल की थी, जिसने एक वंदे भारत के विनिर्माण की लागत 139.8 करोड़ रुपये लगाई थी। बोली के परिणाम से विशेषज्ञों को संदेह है कि इसे हासिल करने वाले पक्ष ऑर्डर पर काम कर सकेंगे।
इंटीग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ) चेन्नई के पूर्व महाप्रबंधक सुधांशु मणि ने कहा कि 200 वंदे भारत ट्रेनों के लिए टीएमएच-आरवीएनएल ने सबसे कम वित्तीय बोली लगाई है और बीएचईएल टीटागढ़ वैगन्स की बोली दूसरी सबसे कम बोली है, जिससे समय से वंदे भारत के उत्पादन को लेकर चुनौती है।