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600 करोड़ की हवा बहाएगी आरएस इंडिया

Last Updated- December 05, 2022 | 4:32 PM IST

आरएस इंडिया विंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी अपने आगामी 500 मेगावॉट क्षमता वाले नए बिजली फार्म की योजना बना रही है।


पुणे से 150 किलोमीटर दूर पाटन में कंपनी पवन ऊर्जा फार्म की योजना को अगले दो सालों के पूरा करने की कोशिश की जाएगा।


गुड़गांव के आरएस समूह की 200 करोड़ रुपये की यह कंपनी लॉजिस्टिक्स, दूरसंचार, विमानन और रियल इस्टेट में दिलचस्पी रखती है। इसी फार्म में कंपनी 5 मेगावॉट क्षमता का सूर्य ऊर्जा उत्पादन निर्माण और जेट्रोफा बायो-डीजल को निकालने और रीफाइन करने का संयंत्र भी लगाएगी।


कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक राज कुमार यादव का कहना है कि शुरू हो चुकी इस परियोजना को विभिन्न चरणों में पूरा किया जाएगा।


अगले दो सालों में पहले चरण मे 100 मेगावॉट, दूसरे में 200 मेगावॉट और तीसरे चरण में 200 मेगावॉट का काम पूरा किया जाएगा।


इस फार्म के 100 मेगावॉट के पहले चरण में कंपनी की लागत 600 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। यह चरण इस साल के अंत तक कार्य शुरू हो जाएगा।


राज कुमार यादव का कहना है कि कंपनी ने इस परियोजना के लिए पावर फाइनैंस कॉरपोरेशन से कर्ज के रूप में 487 रुपये और कंपनी में 37 प्रतिशत इक्विटी के रूप में 58 करोड़ रुपये पावर ट्रेडिंग कॉरपोरेशन से लिए हैं।


जबकि प्रमोटरों ने खुद से 100 करोड़ रुपये मूल्य के बराबर इक्विटी के रूप में निवेश किया है।


कंपनी ने पहले 100 विंड टरबाइन और बाद में पूरी परियोजना के लिए टरबाइन की आपूर्ति का ठेका वेस्तास आआरबी को दे दिया है। आगे उन्होंने बताया,’तकनीकी सहयोग के लिए उनकी बातचीत स्पेन की डायमासा कंपनी से चल रही है।


और कंपनी विंड टरबाइन के लिए महाराष्ट्र में पुणे के नजदीक या हरियाणा के गुड़गांव में अपनी निर्माण सुविधाएं मुहैया करवा सके।’ इसके लिए 14 तारीख को कंपनियां इस संयुक्त उद्यम कंपनी की स्थापना के लिए मिलेंगे।


इस परियोजना के लिए कंपनी ने 1400 एकड़ जमीन का इंतजाम कर लिया है और बाकी की 600 एकड़ जमीन के लिए बात चल रही है।


कंपनी का कहना है कि बायो-डीजल परियोजना के लिए जेट्रोफा पौधारोपण का काम अगले महीने शुरू किया जाएगा ताकि तीन वर्षों तक फार्म पर ही बायो-डीजल बनाने का काम किया जा सके।


कंपनी इस क्षेत्र के आस-पास ही बायोडीजल रीफाइनिंग इकाई को लगाना चाहती है।

बॉक्स
0 600 करोड़ रुपये की इस परियोजना को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा
0 इस फॉर्म में 5 मेगावॉट क्षमता का सूर्य ऊर्जा उत्पादन निर्माण कार्य भी किया जाएगा
0 प्रमोटरों का 100 करोड़ रुपये मूल्य के बराबर इक्विटी के रूप में निवेश
0 कंपनी ने 1400 एकड़ जमीन का इंतजाम किया गया और 600 एकड़ के लिए बातचीत जारी

First Published - March 12, 2008 | 7:47 PM IST

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