विनिवेश से पहले राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) की कायापलट के लिए मंच तैयार करने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। जहां कर्ज कम करने और कार्यशील पूंजी में निवेश में मदद के लिए गैर-प्रमुख संपत्तियों से कमाई की जाएगी, वहीं सार्वजनिक क्षेत्र का यह उपक्रम विशाखापत्तनम में संयंत्र को 73 लाख टन के स्तर पर पूर्ण क्षमता उपयोग हासिल करने की दिशा में भी काम कर रहा है।
आरआईएनएल के चेयरमैन सह प्रबंध निदेशक अतुल भट्ट ने कहा कि गैर-प्रमुख संपत्तियों – उत्तर प्रदेश के रायबरेली में फोर्ज्ड पहिया इकाई और विशाखापत्तनम में 22 एकड़ भू-खंड की बिक्री इस वित्त वर्ष के अंत से पहले पूरी होने की उम्मीद है।
संपत्तियों से कमाई की प्रक्रिया दीपम (निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग) के नेतृत्व में चलाई जा रही है और आरआईएनएल को 3,000-4,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।
भट्ट ने स्टील ऐंड मेटलर्जी द्वारा इस्पात क्षेत्र के संबंध में आयोजित एक सम्मेलन से इतर कहा कि कर्ज कम करने और कार्यशील पूंजी में निवेश करने के लिए कंपनी में पैसा वापस लगाया जाएगा ताकि कंपनी का कारोबार फिर से शुरू हो सके।
इस्पात मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट 2022-23 के आंकड़ों के अनुसार आरआईएनएल ने अप्रैल, 2022 से दिसंबर, 2022 की अवधि के दौरान 15,618 करोड़ रुपये (अंतरिम) का कारोबार दर्ज किया था और कंपनी ने दिसंबर 2022 तक 2,751.34 करोड़ रुपये (अंतरिम) का शुद्ध घाटा अर्जित किया।
आरआईएनएल पर लगभग 23,000 करोड़ रुपये का कर्ज था। भट्ट ने कहा कि यह ‘अस्थायी’ था। हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि संपत्तियों से कमाई की प्रक्रिया इस वित्त वर्ष में पूरा हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हो सकता है शायद अगले साल हमें लाभ नजर आ सकता है।
यह कायापलट गैर-प्रमुख संपत्तियों की बिक्री, कर्ज में कमी और कार्यशील पूंजी निवेश पर निर्भर करता है।