रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड पूर्वी अपतटीय केजी डी-6 ब्लॉक से उत्पादित कच्चे तेल के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक पर कम से कम 3.5 डॉलर प्रति बैरल का प्रीमियम मांग रही है। कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी। रिलायंस और ब्रिटेन की उसकी साझेदार बीपी ने अप्रैल 2025 से फरवरी 2026 तक हर महीने 17,600 बैरल (2,800 किलोलीटर) कच्चे तेल की बिक्री के लिए घरेलू रिफाइनर से बोलियां मांगी हैं।
कच्चे तेल की कीमत नाइजीरिया के ‘बोनी लाइट’ दर्जे के कच्चे तेल की दैनिक औसत कीमत में 1.5 डॉलर प्रति बैरल गुणवत्ता प्रीमियम को जोड़कर तय की गई है। निविदा दस्तावेज में कहा गया है कि बोलीदाताओं को इस कीमत के ऊपर प्रीमियम के बारे में बताना होगा। बोनी लाइट की कीमत इस समय 73.5 डॉलर प्रति बैरल है।
कंपनी ने कहा कि इसमें 1.5 डॉलर प्रति बैरल के समग्र प्रीमियम को जोड़ा जाएगा, जो गुणवत्ता अंतर को दर्शाता है। बिक्री अवधि को मूल्य निर्धारण के फॉर्मूले सहित समान नियमों और शर्तों पर तीन महीने से एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।
बंगाल की खाड़ी में मुख्य रूप से गैस से भरपूर केजी-डीडब्ल्यूएन-98/3 ब्लॉक (केजी डी-6) में रिलायंस की 66.67 फीसदी हिस्सेदारी है। बीपी एक्सप्लोरेशन (अल्फा) लिमिटेड के पास बाकी 33.33 फीसदी हिस्सेदारी है। ब्लॉक से प्रतिदिन लगभग तीन करोड़ मानक घन मीटर गैस का उत्पादन होता है। थोड़ी मात्रा में कच्चे तेल का भी उत्पादन होता है, जिसके लिए उन्होंने अब बोलियां मांगी हैं। दस्तावेज में कहा गया कि बोलियां 24 जनवरी, 2025 तक दी जा सकती हैं। उत्पाद शुल्क, वैट, जीएसटी सहित सभी कर और शुल्क खरीदार को देने होंगे।