RIL Q1FY25 results: मार्केट कैप के लिहाज से देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने शुक्रवार 19 जून को वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही ( Q1FY25) के लिए अपने वित्तीय नतीजों का ऐलान किया। कमजोर रिफाइनिंग मार्जिन और उच्च मूल्यह्रास लागत (depreciation cost) से प्रभावित होकर मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की फ्लैगशिप कंपनी रिलायंस का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट जून तिमाही में 5 फीसदी की गिरावट के साथ 15,138 करोड़ रुपये पर आ गया। एक साल पहले की समान अवधि में यह 16,011 करोड़ रुपये था।
इससे पहले की जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी का लाभ 18,951 करोड़ रुपये रहा था। इस तरह बीती तिमाही में कंपनी के लाभ में क्रमिक रूप से 20 प्रतिशत की गिरावट आई।
शेयर बाजार को दी सूचना के मुताबिक, जून तिमाही में रिलायंस का ऑपरेशन से रेवेन्यू सालाना आधार पर 12 फीसदी बढ़कर 2.36 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एक साल पहले की समान अवधि यानी अप्रैल-जून 2023 में यह 2.10 लाख करोड़ रुपये था।
कंपनी का मुनाफा बाजार अनुमान से बहुत ही कम रहा। अनुमान लगभग 16,341 करोड़ रुपये था, जबकि रेवेन्यू उम्मीदों के अनुरूप रहा।
पहली तिमाही के लिए कंसोलिडेटेड EBITDA सालाना आधार पर 2 फीसदी बढ़कर 42,748 करोड़ रुपये हो गया, जबकि EBITDA मार्जिन सालाना आधार पर 150 आधार अंक घटकर 16.6 फीसदी पर आ गया।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और एमडी मुकेश अंबानी ने कहा, “इस तिमाही में रिलायंस का लचीला परिचालन और वित्तीय प्रदर्शन इसके व्यवसायों के विविध पोर्टफोलियो की ताकत को रेखांकित करता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि ये व्यवसाय भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं, वस्तुओं और सेवाओं के डिजिटल और भौतिक वितरण के लिए महत्वपूर्ण ऊर्जा और जीवंत चैनल प्रदान कर रहे हैं।”