एयर इंडिया (Air India) के मुख्य कार्याधिकारी (CEO) और प्रबंध निदेशक (MD) कैंपबेल विल्सन (Campbell Wilson) ने आज कहा कि बार-बार ऐसी घटनाएं हो रही हैं, जिनमें एयर इंडिया के पायलट अनधिकृत व्यक्तियों को विमान के कॉकपिट में आने दे रहे हैं। इनसे संकेत मिलता है कि वे आत्मसंतुष्टि, लापरवाही या किसी अन्य वजह से सीख नहीं रहे हैं और सुधर नहीं रहे हैं।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने 3 जून को विमानन कंपनी की चंडीगढ़-लेह उड़ान के दौरान कॉकपिट में अनधिकृत व्यक्ति को अनुमति देने के मामले में गुरुवार को दो पायलटों को निलंबित कर दिया। कैप्टन को एक साल के लिए और सह-पायलट को एक महीने के लिए निलंबित किया गया है।
इसी तरह की घटना 27 फरवरी को विमानन कंपनी की दिल्ली-दुबई उड़ान में हुई थी, जब उसके कैप्टन ने अपनी मित्र को विमान के कॉकपिट में आने की अनुमति दी थी। DGCA ने अप्रैल में इस कप्तान को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया था और सह-पायलट को चेतावनी दी गई थी।
विल्सन ने एक संदेश में कर्मचारियों से कहा था कि आपने शायद नियामक द्वारा कॉकपिट नियमों का पालन नहीं करने के मामले में हमारे दो सहयोगियों (3 जून की उड़ान वाले पायलटों) को दिए गए लाइसेंस के निलंबन के संबंध में पढ़ा होगा। एक साल का निलंबन लंबा है, लेकिन इस बात को देखते हुए कि अपेक्षाकृत कम समय में यह इस तरह की दूसरी घटना है, यह बात समझ में आती है।
उन्होंने कहा कि विमानन उद्योग ‘केवल शिष्टता’ की मानसिकता से काम करता है, जिसमें माना जाता है कि वास्तविक गलतियां होती हैं और वे ऐसे अवसर होते हैं, जिनसे सीखें और सुधार करें।
नियम और विनियमन किसी वजह से मौजूद हैं और उम्मीद की जाती है कि विमानन कंपनी उनका पालन करेगी।