facebookmetapixel
अमेरिका ने रोका Rosneft और Lukoil, लेकिन भारत को रूस का तेल मिलना जारी!IFSCA ने फंड प्रबंधकों को गिफ्ट सिटी से यूनिट जारी करने की अनुमति देने का रखा प्रस्तावUS टैरिफ के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत, IMF का पूर्वानुमान 6.6%बैंकिंग सिस्टम में नकदी की तंगी, आरबीआई ने भरी 30,750 करोड़ की कमी1 नवंबर से जीएसटी पंजीकरण होगा आसान, तीन दिन में मिलेगी मंजूरीICAI जल्द जारी करेगा नेटवर्किंग दिशानिर्देश, एमडीपी पहल में नेतृत्व का वादाJio Platforms का मूल्यांकन 148 अरब डॉलर तक, शेयर बाजार में होगी सूचीबद्धताIKEA India पुणे में फैलाएगी पंख, 38 लाख रुपये मासिक किराये पर स्टोरनॉर्टन ब्रांड में दिख रही अपार संभावनाएं: टीवीएस के नए MD सुदर्शन वेणुITC Hotels ने लॉन्च किया प्रीमियम ब्रांड ‘एपिक कलेक्शन’, पुरी से मिलेगी नई शुरुआत

रिलायंस इंडस्ट्रीज को 2.81 अरब डॉलर का नोटिस

यह डिमांड नोटिस 14 फरवरी के दिल्ली उच्च न्यायालय के हालिया आदेश के बाद दिया गया

Last Updated- March 04, 2025 | 10:31 PM IST
Reliance Industries Limited

मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) ने मंगलवार को एक्सचेंजों को बताया कि उसे केजी-डी6 परिचालन से जुड़े अरसे से लंबित गैस विवाद पर तेल मंत्रालय से 2.81 अरब डॉलर का नोटिस मिला है। स्टॉक एक्सचेंज को दी गई एक अन्य घोषणा में आरआईएल ने यह भी कहा कि उसकी नई ऊर्जा कारोबार वाली पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी को भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) से पत्र मिला है, जो बैटरी परियोजना से संबंधित क्षतिपूर्ति के बारे में है।

गैस विवाद पर आरआईएल ने कहा कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने प्रोक्डशन शेयरिंग कॉन्ट्रैक्ट (पीएससी) ठेकेदारों – आरआईएल, बीपी एक्सप्लोरेशन (अल्फा) लिमिटेड और निको (एनईसीओ) लिमिटेड से 2.81 अरब अमेरिकी डॉलर की मांग की है। आरआईएल ने कहा कि उसे इस संबंध में सोमवार को पत्र मिला।

यह डिमांड नोटिस 14 फरवरी को दिल्ली उच्च न्यायालय के एक हालिया आदेश के बाद जारी किया गया है जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय के खंडपीठ ने मई 2023 में पारित दिल्ली उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश के आदेश को उलट दिया था। मई, 2023 के आदेश में पिछले मध्यस्थता फैसले को चुनौती देने वाली भारत सरकार की अपील को खारिज कर दिया गया था। आरआईएल ने मंगलवार को कहा कि कंपनी को ‘कानूनी तौर पर सलाह दी गई है कि डिवीजन बेंच का फैसला और यह मांग अस्थायी है।’

जुलाई 2018 में, आरआईएल ने ओएनजीसी के ब्लॉकों से कथित गैस आपूर्ति के कारण केजी-डी6 कंसोर्टियम पर भारत सरकार के दावे के खिलाफ लगभग 1.55 अरब अमेरिकी डॉलर की राशि के लिए मध्यस्थता मामला जीता था। आरआईएल ने कहा कि वह दिल्ली उच्च न्यायालय के खंडपीठ के निर्णय को चुनौती देने के लिए कदम उठा रही है। आरआईएल ने कहा, ‘कंपनी को इस मामले में किसी तरह की देनदारी की उम्मीद नहीं है।’

चैंबर्स ऑफ श्रेणिक गांधी के मैनेजिंग पार्टनर श्रेणिक गांधी ने कहा, ‘यह काफी दिलचस्प है कि आरआईएल के कंसोर्टियम के खिलाफ दावे किए जा रहे हैं जबकि वास्तव में ऐसा प्रतीत होता है कि भारत सरकार के पक्ष में कोई आदेश नहीं है और आरआईएल के कंसोर्टियम के खिलाफ दावा करने के लिए किसी भी कानून की अदालत द्वारा इस आदेश को बरकरार रखा गया है।’

एक अलग अधिसूचना में आरआईएल ने एक्सचेंजों को यह भी बताया कि कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी रिलायंस न्यू एनर्जी बैटरी स्टोरेज लिमिटेड (आरएनईबीएसएल) को सोमवार को भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) से एक पत्र मिला।मंगलवार को, आरआईएल का शेयर लगातार दूसरे दिन गिरावट के साथ बंद हुआ। यह शेयर अपने पिछले बंद भाव से 0.8 फीसदी गिरकर 1,161.70 रुपये पर बंद हुआ। सोमवार को आरआईएल के शेयर में 2.4 फीसदी की गिरावट आई थी।

First Published - March 4, 2025 | 10:31 PM IST

संबंधित पोस्ट