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Reliance Capital की दूसरी नीलामी की तैयारी, लेनदार मांग रहे एकमुश्त 8,000 करोड़ रुपये नकदी

Last Updated- March 06, 2023 | 9:58 PM IST
Reliance Capital's acquisition will be completed by the end of January, Hinduja Group will spend Rs 9,861 crore जनवरी के अंत तक पूरा होगा रिलायंस कैपिटल का अधिग्रहण, हिंदुजा ग्रुप खर्च करेगी 9,861 करोड़ रुपये

दिवालिया कंपनी रिलायंस कैपिटल की दूसरी बोली 20 मार्च से शुरू होने जा रही है। लेनदारों ने बोली लगाने वालों से कम से कम 8,000 करोड़ रुपये एकमुश्त नकद देने को कहा है।

लेनदारों ने तय किया है कि पहले दौर की नीलामी के लिए कम से कम 9,500 करोड़ रुपये की बोली लगानी होगी और दूसरे दौर के लिए बोली की रकम 10,000 करोड़ रुपये होगी। उसके बाद के दौर में 250-250 करोड़ रुपये जुड़ते जाएंगे।

अहमदाबाद का टॉरंट समूह और हिंदुजा समूह इस कंपनी के अधिग्रहण की दौड़ में शामिल हैं। यह नीलामी राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील पंचाट (एनसीएलएटी) के आदेश के बाद की जा रही है ताकि रिलायंस कैपिटल की परिसंप​त्तियों की ज्यादा से ज्यादा कीमत ली जा सके। दिसंबर में हुई पहली नीलामी में टारंट समूह ने 8,640 करोड़ रुपये के साथ सबसे बड़ी बोली लगाई थी। मगर हिंदुजा समूह ने नीलामी खत्म होने के बाद 9,000 करोड़ रुपये की पेशकश कर डाली।

एनसीएलएटी के निर्देश पर लेनदारों ने दूसरी नीलामी का फैसला किया। मगर टॉरंट ने यह कहते हुए आपत्ति जताई थी कि ओपन एंडेड नीलामी नहीं कराई जा सकती क्योंकि इससे खरीदने की असली मंशा रखने वाले हतोत्साहित होंगे। टॉरंट ने इस साल जनवरी में दूसरी नीलामी के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट (एनसीएलटी) में शिकायत की, जहां फैसला उसके पक्ष में आया। जवाब में लेनदारों ने एनसीएलएटी में अपील की और वहां फैसला उनके पक्ष में आया। टॉरंट अब एनसीएलएटी के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का रुख कर सकती है।

बोली के नए नियमों के हिसाब से हरेक दौर में प्रत्येक दावेदार को बोली लगाने के लिए 30 मिनट दिए जाएंगे। लेनदारों की समिति के निर्देशों के आधार पर प्रशासक नीलामी के हरेक दौर के बीच 30 मिनट का अंतराल रखेगा और हरेक दौर खत्म होने की घोषणा भी करेगा।

बोली लगाने वालों को अपना वित्तीय प्रस्ताव पेश करना होगा। ऋणदाताओं ने स्पष्ट किया है कि लेनदारों को किया गया सभी तरह का भुगतान (लेनदारों को दी जाने वाली इक्विटी को छोड़कर) अग्रिम नकद भुगतान या टाले गए भुगतान के जरिये शुद्ध वर्तमान मूल्य (एनपीवी) में शामिल होगा। किसी भी दौर में किसी भी बोलीदाता से वि​भिन्न वित्तीय प्रस्ताव मिलने पर अधिक एनपीवी वाले वित्तीय प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।

रिलायंस कैपिटल को 24,000 करोड़ रुपये के ऋण की अदायगी से चूकने के बाद नवंबर 2021 में ऋण समाधान के लिए भेजा गया था।

समाधान में देर

  • नवंबर 2021: आरबीआई ने रिलायंस कैपिटल को आईबीसी के तहत ऋण समाधान के लिए भेजा
  • दिसंबर 2022: टॉरंट 8,640 करोड़ रुपये की पेशकश के साथ सबसे बड़े बोलीदाता के तौर पर सामने आई, नीलामी के बाद हिंदुजा ने 9,000 करोड़ रुपये की पेशकश की
  • जनवरी 2023: टॉरंट ने दूसरी नीलामी रोकने के लिए एनसीएलटी का रुख किया
  • फरवरी 2023: एनसीएलटी ने टॉरंट के पक्ष में फैसला सुनाया
  • मार्च 2023: एनसीएलएटी ने परिसंप​त्तियों की अ​धिकतम कीमत हासिल करने के लिए दूसरी नीलामी का आदेश दिया

First Published - March 6, 2023 | 9:58 PM IST

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