एचडीएफसी बैंक और आवास वित्त मुहैया कराने वाली फर्म एचडीएफसी के 57.8 अरब डॉलर के महा-विलय की अगुआई भारतीय कंपनी जगत ने कैलेंडर 2022 में 171 अरब डॉलर के साथ अपना सर्वकालिक सर्वाधिक विलय और अधिग्रहण दर्ज किया है, जबकि पिछले साल 145 अरब डॉलर के सौदों की घोषणा की गई थी।
अदाणी समूह द्वारा सीमेंट, मीडिया और बंदरगाहों में किए गए अधिग्रहण ने सुर्खियां बटोरीं। अदाणी ने अंबुजा सीमेंट्स में स्विस फर्म होल्सिम की 6.5 अरब डॉलर में हिस्सेदारी खरीदकर सीमेंट क्षेत्र में प्रवेश किया। अंबुजा के लिए अदाणी परिवार की चार अरब डॉलर की अतिरिक्त खुली पेशकश को कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली क्योंकि शेयरधारकों ने नए मालिक के साथ ही निवेश पसंद किया। समूह ने इस वर्ष इजरायल में हाइफा बंदरगाह का 1.18 अरब डॉलर और मीडिया फर्म एनडीटीवी का भी अधिग्रहण किया।
भारतीय कंपनियों द्वारा विदेशी अधिग्रहण में आक्रामक होने के कारण शेयर बाजार व्यस्त रहा। अदाणी द्वारा हाइफा बंदरगाह का अधिग्रहण करने के अलावा वर्ष के दौरान बायोकॉन की सहायक कंपनी बायोकॉन बायोलॉजिक्स ने वियाट्रिस के वैश्विक बायोसिमिलर कारोबार का आंशिक-इक्विटी और आंशिक-नकद रूप में तीन अरब डॉलर का अधिग्रहण पूरा किया, जिससे आठ वाणिज्यिक उत्पादों के साथ बायोकॉन बायोलॉजिक्स बायोसिमिलर में वैश्विक अगुआ बन गई।
अन्य भारतीय समूहों के बीच टाटा समूह की फर्म टाटा स्टील ने केंद्र सरकार से 1.6 अरब डॉलर में नीलाचल स्टील का अधिग्रहण किया और आर्सेलर मित्तल ने 2.4 अरब डॉलर के सौदे किए। बैंकरों ने कहा कि धमाकेदार साल के बाद विलय एवं अधिग्रहण का परिदृश्य वर्ष 2023 जोरदार रहने का अनुमान है। यह वित्तीय प्रायोजकों की रुचि, मूल्यांकन और उम्मीदों में सुधार, वित्त जुटाने का कुछ हल्की सख्ती वाला वातावरण और बदलती भू-राजनीतिक प्राथमिकताओं से संचालित होगा।
कोटक इन्वेस्टमेंट बैंकिंग के संयुक्त प्रबंध निदेशक सौरभ मलिक ने कहा कि कोविड के बाद की दुनिया में भारत की ओर रणनीतिक रुचि में तेजी आने की उम्मीद है। यह दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक में सार्थक स्थानीय मौजूदगी की इच्छा से प्रेरित है।
बैंकरों ने कहा कि वर्ष 2023 में घरेलू बाजार में बहुत अधिक गतिविधि की उम्मीद है, भले ही मंदी की आशंकाओं के कारण सीमा पार अधिग्रहण धीमा पड़ जाए। बैंकरों ने कहा कि लॉजिस्टिक फर्म कॉनकोर और आईडीबीआई बैंक में सरकार की हिस्सेदारी की बिक्री वर्ष 2023 की पहली तिमाही में ऐसे सौदे होंगे, जिन पर सबसे ज्यादा निगाह होगी। साथ ही मौजूदा निलामी में रिलायंस कैपिटल और श्रेय की परिसंपित्तयों की बिक्री बैंकरों को व्यस्त रखेगी।