सलाहकार फर्म इनगवर्न (InGovern) ने देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) से वित्तीय सेवा कारोबार को अलग करने वाले प्रस्ताव के हक में मतदान की सिफारिश की है। विशेष प्रस्ताव के लिए मौजूदा सदस्यों के 75 फीसदी मत की आवश्यकता होगी और NCLT के निर्देश में होने वाली यह बैठक मंगलवार को आयोजित होगी।
प्रस्ताव के तहत RIL से वित्तीय सेवा कारोबार अलग होकर रिलायंस स्ट्रैटिजिक इन्वेस्टमेंट्स (RSIL) के पास चली जाएगी। जब यह योजना प्रभावी होगी तो कंपनी का नाम बदलकर जियो फाइनैंशियल सर्विसेज (Jio Financial Services) कर दिया जाएगा, जिसे एक्सचेंजों पर अलग से सूचीबद्ध कराया जाएगा।
एक नोट में इनगवर्न ने कहा है, यह योजना RIL व जियो फाइनैंशियल सर्विसेज लिमिटेड के सभी हितधारकों के हित में है। इसका सबसे बड़ा फायदा RIL के ट्रेजरी शेयरों की अनलॉकिंग के तौर पर होगा, जो जियो फाइनैंशियल के पास जाएगी और जियो फाइनैंशियल इन शेयरों की वैल्यू के लिवरेज में सक्षम होगी।
जियो फाइनैंशियल के पास RIL की 6.1 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसकी कीमत करीब एक लाख करोड़ रुपये बैठती है। सलाहकार फर्म ने कहा, विभिन्न कारोबारों में RIL की दिलचस्पी को देखते हुए एक स्वतंत्र कंपनी के गठन से वित्तीय सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और इस क्षेत्र में अवसर की तलाश में मदद मिलेगी।
इनगवर्न ने कहा, स्वतंत्र कंपनी अलग-अलग तरह के निवेशकों, रणनीतिक साझेदारों और विशेष तौर से वित्तीय सेवा कारोबार में दिलचस्पी रखने वाले अन्य हितधारकों को आकर्षित कर सकती है। वित्तीय सेवा कंपनी के पास वृद्धि के लिए RIL के मुकाबले ज्यादा लिवरेज हो सकता है और यह RIL के हितधारकों के लिए वित्तीय सेवा कारोबार की वैल्यू अनलॉक कर सकती है।
RIL का शेयर का आखिरी बंद भाव 2,420 रुपये है। पिछले एक साल में इस शेयर ने बाजार के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया है और 13 फीसदी टूटा है जबकि बेंचमार्क सेंसेक्स ने 7.5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है।
विश्लेषकों का मानना है कि जियो फाइनैंशियल की सूचीबद्धता और वैल्यू अनलॉकिंग खुदरा से लेकर दूरसंचार क्षेत्र की दिग्गज के शेयरों के लिए अहम संकेतक हो सकती है।
नोमूरा ने इस महीने एक नोट में कहा था, RIL की वित्तीय सेवा कारोबार की सूचीबद्धता और वैल्यू अनलॉकिंग आगामी महीनों में इस शेयर के लिए अहम घटनाक्रम होगा। हम यह भी उम्मीद करते हैं कि कंपनी आगामी एजीएम में वित्तीय सेवा क्षेत्र में बढ़त की खातिर मजबूत रोडमैप सामने रखेगी।
रिलायंस के मजबूत क्रियान्वयन, निवेश की क्षमता, उद्योग में अग्रणी खुदरा इन्फ्रास्ट्रक्चर और खुदरा व दूरसंचार उद्योग में अग्रणी बाजार हिस्सेदारी को देखते हुए वित्तीय सेवा कारोबार में बेहतर कोशिश की दरकार होगी। इसके साथ ही यह भी लगता है कि आरआईएल का उद्योग पर वर्चस्व होगा।
जेफरीज ने जियो फाइनैंशियल सर्विसेज के शेयर की वैल्यू 134 से 224 रुपये प्रति शेयर रहने की बात कही है। ब्रोकरेज ने हालिया नोट में कहा था, जियो फाइनैंशियल के मुख्य नेटवर्थ (14,000 करोड़ रुपये) और RIL की हिस्सेदारी की वैल्यू (1 लाख करोड़ रुपये) आदि को देखते हुए हम जियो फाइनैंशियल सर्विसेज की वैल्यू 90,000 से 1.50 लाख करोड़ रुपये आंकते हैं, जिससे RIL के जियो कारोबार की वैल्यू 134 से 224 रुपये प्रति शेयर रह सकती है।