प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
खुदरा पर केंद्रित कम से कम दो से तीन नए रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (रीट्स) जल्द ही आने की संभावना है। मॉल में अधिक संस्थागत निवेश आने की बदौलत ऐसा होने की संभावना है। रियल एस्टेट परामर्श कंपनी एनारॉक की रिपोर्ट में यह बात कही गई है। यह तब हो रहा है जब देश के खुदरा क्षेत्र में संस्थागत भागीदारों का दबदबा बढ़ रहा है और देश भर में चल रहे 650 मॉल में से 30 से 35 प्रतिशत में अब ऐसा निवेश देखा जा रहा है।
अगले तीन से पांच वर्षों में 4.25 करोड़ वर्ग फुट से अधिक के प्रमुख खुदरा क्षेत्र वाले 45 नए मॉल तैयारी के चरण में हैं। नेक्सस मॉल्स (ब्लैकस्टोन), फीनिक्स मिल्स, डीएलएफ, लेकशोर, रहेजा ग्रुप और पैसिफिक जैसी शीर्ष कंपनियां को इससे मुख्य रूप से लाभ हो सकता है।
एनारॉक ने कहा कि नए मॉल आने से रीट गतिविधि को और बढ़ावा मिलेगा जो बड़े और बेहतर ब्रांडेड मॉल की दिशा में दमदार कदम का संकेत है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘आगे चलकर नए मॉल औसतन 10 लाख से 12 लाख वर्ग फुट की जगह लेंगे जबकि 30 से 40 प्रतिशत छोटे मॉल मिश्रित उपयोग वाली परियोजनाओं में तब्दील किए जा सकते हैं।’
इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल ग्रेड ए वाले मॉल में ही 5 से 8 प्रतिशत की सालाना चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) के साथ किराये में सकारात्मक बढ़ोतरी देखी जा रही है जबकि ग्रेड बी और सी वाले मॉल के किराये में स्थिरता या गिरावट देखी जा रही है।
साल 2005 और 2015 के बीच संगठित खुदरा क्षेत्र में तेजी की बदौलत देश भर में 250 से ज्यादा मॉल बनाए गए। हालांकि साल 2015 से 2020 के दौरान इनमें से लगभग 20 से 22 प्रतिशत मॉल या तो बंद कर दिए गए, उनका स्थान बदल दिया गया या फिर उनका अन्य उपयोग किया जाने लगा।