कोविड महामारी के बाद रियल एस्टेट बाजार का रुझान पूरी तरह बदल चुका है। किफायती आवास को बड़ा झटका लगा है। इस सेगमेंट में खरीदारों ने सतर्क रुख अपनाया, जिसकी वजह से हाल के सालों में नई आपूर्ति और बिक्री में गिरावट आई। हालांकि, संपत्ति सलाहकार फर्म एनारॉक की ताजा रिपोर्ट किफायती आवास के बिना बिके घरों में गिरावट आयी है। क्योंकि कोविड के बाद से डेवलपर्स लग्जरी (महंगे) घरों पर फोकस कर रहे हैं। सस्ते घर बहुत कम बन रहे हैं, जिसके चलते बाजार में सस्ते घरों की कमी देखने को मिल रही है।
देश के सात प्रमुख शहरों में मजबूत बिक्री के दम पर जनवरी- मार्च तिमाही के अंत में खाली पड़े घरों की संख्या सालाना आधार पर चार प्रतिशत की गिरावट के साथ करीब 5.6 लाख इकाई रह गई। रियल एस्टेट सलाहकार एनारॉक के आंकड़ों के अनुसार, मार्च, 2025 के अंत तक सात प्रमुख शहरों में बिना बिके मकानों की संख्या घटकर 5,59,808 इकाई रह गई। यह आंकड़ा मार्च, 2024 के अंत तक 5,80,895 इकाई था। ये सात शहर दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे हैं।
आंकड़ों के अनुसार, किफायती (40 लाख रुपये से कम कीमत वाले) खाली घरों की संख्या मार्च के अंत तक 19 प्रतिशत घटकर 1,12,744 इकाई रह गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 1,39,905 इकाई थी। बेंगलुरू ने बिना बिके स्टॉक में 51 फीसदी की तेज गिरावट के साथ किफायती श्रेणी की रिकवरी का नेतृत्व किया, इसके बाद चेन्नई में 44 फीसदी की गिरावट आई। हैदराबाद एकमात्र ऐसा शहर था, जहां इस अवधि में किफायती आवास स्टॉक में 9 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई , जो कि 2025 के अंत तक लगभग 1,815 इकाई तक पहुंच जाएगी।
एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी कहते हैं कि किफायती आवास को महामारी के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। पिछले पांच साल में कुल बिक्री के साथ-साथ कुल पेशकश में किफायती या सस्ते मकानों की हिस्सेदारी घट रही है। शीर्ष सात शहरों में घरों की बिक्री जनवरी-मार्च, 2025 में 28 प्रतिशत घटकर 93,280 इकाई रह गई, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 1.30 लाख इकाई से अधिक था। वहीं जनवरी-मार्च, 2025 में शीर्ष सात शहरों में 1,00,020 इकाइयों की पेशकश की गई, जो एक साल पहले की समान अवधि के 1,10,865 इकाई से 10 प्रतिशत कम है।
शीर्ष 7 शहरों में बिक्री और नए लॉन्च में कमी आई है। एनारॉक के आंकड़ों से पता चलता है कि किफायती आवास की बिक्री में हिस्सेदारी 2019 में 38 फीसदी से गिरकर 2024 में 18 फीसदी हो गई है, जबकि इसी अवधि में इसकी आपूर्ति हिस्सेदारी 40 फीसदी से गिरकर 16 फीसदी हो गई है। हालांकि, बिना बिके स्टॉक में 19 फीसदी की गिरावट अंतिम उपयोगकर्ताओं के नेतृत्व में निरंतर मांग का संकेत देती है। इसके विपरीत, लग्जरी आवास में उछाल आया है, इसकी बिक्री हिस्सेदारी 2019 में 7 फीसदी से बढ़कर 2024 में 26 फीसदी हो गई है, और नई आपूर्ति हिस्सेदारी 11 फीसदी से दोगुनी होकर 26 फीसदी हो गई है। एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि लक्जरी आवास पिछले दो से तीन वर्ष में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला खंड रहा है। इसकी प्रमुख वजह पिछले एक से दो वर्ष में महत्वपूर्ण आपूर्ति मानी जाती है।