रियल एस्टेट उद्योग की तेज रफ्तार धीमी पड़ सकती है। रियल एस्टेट के लिए सेंटिमेंट स्कोर अब सतर्क रहने का है और पिछले साल की चौथी तिमाही के सेंटीमेंट स्कोर में गिरावट आई है। हालांकि वर्तमान और भविष्य दोनों का सेंटीमेंट स्कोर 50 से ऊपर बना हुआ है। 50 ऊपर सेंटिमेंट स्कोर को आशावादी (optimistic threshold )माना जाता है। जिससे आगे भी रियल एस्टेट क्षेत्र में वृद्धि की उम्मीद बनी हुई है।
नाइट फ्रैंक-नारेडका द्वारा जारी The Knight Frank-NAREDCO Real Estate Sentiment Index Q4 2024 (अक्टूबर-दिसंबर) रिपोर्ट के अनुसार चालू सेंटीमेंट इंडेक्स स्कोर (Current Sentiment Index Score) 59 रहा, जो तीसरी तिमाही के सेंटीमेंट स्कोर 64 से काफी कम है। 2024 के दौरान पहली तिमाही में यह स्कोर उच्चतम स्तर 72 तक पहुंच गया था, जो 2022 से 2024 के बीच सबसे अधिक था। सेंटीमेंट इंडेक्स स्कोर के 50 से ऊपर होना दर्शाता है कि रियल एस्टेट क्षेत्र बढ़ रहा है, जबकि इस स्कोर के 50 से नीचे होना रियल एस्टेट क्षेत्र में गिरावट को दर्शाता है।
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि रियल एस्टेट सेंटीमेंट इंडेक्स आशावादी दायरे में रहते हुए भी सावधानी की भावना को दर्शाता है। यह भू-राजनीतिक गतिशीलता और घरेलू आर्थिक स्थितियों के विकास से प्रेरित है। वैश्विक आर्थिक नीति में बदलाव, विशेष रूप से अमेरिकी टैरिफ व्यवस्था में बदलाव, साथ ही घरेलू विकास में मंदी ने रियल एस्टेट क्षेत्र को अधिक सतर्क रुख अपनाने के लिए प्रेरित किया है। आने वाली तिमाहियों में डेवलपर्स और निवेशकों से प्रतीक्षा और निगरानी का दृष्टिकोण बनाए रखने की उम्मीद है। जिसका लक्ष्य पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र द्वारा बनाई गई गति को बनाए रखना है।
वर्तमान सेंटिमेंट के साथ ही भविष्य के सेंटीमेंट स्कोर में भी कमी आई है। इस रिपोर्ट के अनुसार 2024 की चौथी तिमाही में Future Sentiment score 59 दर्ज किया गया, जबकि तीसरी तिमाही में यह स्कोर 67 था। इस स्कोर में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। Future Sentiment score आने वाले महीनों में रियल एस्टेट क्षेत्र के प्रदर्शन को दर्शाता है। यह स्कोर सकारात्मक स्तर से ज्यादा होने से आगे भी इस स्तर का प्रदर्शन अच्छा रह सकता है। तीसरी तिमाही की तुलना में चौथी तिमाही में इस स्कोर में कमी यह दर्शाती है कि पहले जितने अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद नहीं है।
लेकिन वर्तमान और भविष्य के दोनों सेंटीमेंट स्कोर के सकारात्मक श्रेणी में रहना दर्शाता है कि यह क्षेत्र दीर्घकालिक अवधि में अच्छा प्रदर्शन कर सकता है। डेवलपरों का सेंटीमेंट इंडेक्स भी चौथी तिमाही में घटकर 58 रह गया, जो तीसरी तिमाही में 65 था। यह बदलाव सतर्क किन्तु दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाता है, क्योंकि डेवलपर उभरते बाजार और आर्थिक संकेतकों पर प्रतिक्रिया देते हैं।
गैर डेवलपर (जिसमें बैंक, वित्तीय संस्थान, पीई फंड शामिल हैं) का इंडेक्स चौथी तिमाही में 60 है। यह सतर्क आशावाद के साथ आगामी महीनों में चुनौतियों और अवसरों के बीच संतुलन को दर्शाता है। बैजल ने कहा कि आवासीय बाजार के लिए भविष्य की धारणा आशावादी क्षेत्र में बनी हुई है।
हालांकि आवासीय लॉन्च में विश्वास कम हो गया है। 32 फीसदी उत्तरदाताओं ने अब कैलेंडर वर्ष 2025 की पहली और दूसरी तिमाही में नए लॉन्च में गिरावट की उम्मीद की है, जबकि 2023 की चौथी तिमाही में ऐसा मानने वाले महज 4 फीसदी थे
नाइट फ्रैंक-नारेडको द्वारा किए गए सर्वे में अधिकांश लोगों का मानना है कि अगले 6 महीने में मकानों के दाम बढ़ सकते हैं। इस सर्वे के अनुसार 88 फीसदी (59 फीसदी दाम बढ़ने की बात मानते हैं) लोगों का मानना है कि अगले 6 महीने में मकानों के दाम या तो बढ़ेंगे या स्थिर रहेंगे। महज 12 फीसदी लोग ही मानते हैं कि दाम घट सकते हैं। इस सर्वे के अनुसार 38 फीसदी लोगों का मानना है कि मकानों की बिक्री बढ़ सकती है, जबकि इससे ज्यादा 39 फीसदी लोगों का मानना है कि बिक्री में कमी आएगी। 23 फीसदी लोगों की माने तो बिक्री में कोई बदलाव नहीं होगा। 41 फीसदी ने माना कि लॉन्चिंग में कमी आएगी, जबकि 32 फीसदी लोग मानते हैं कि इसमें गिरावट आएगी।
NAREDCO के अध्यक्ष हरि बाबू ने कहा कि सेंटिमेंट स्कोर में गिरावट सतर्क आशावाद को उजागर करती है। हालांकि यह ध्यान देने योग्य है कि ऑफिस मार्केट में लचीलापन जारी है, जो मजबूत लीजिंग गतिविधि और किराये की वृद्धि से प्रेरित है। बाबू ने कहा हमें ऐसे टिकाऊ और किफायती आवास विकल्प बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो घर खरीदारों की बदलती जरूरतों को पूरा करें। उन्होंने कहा कि अल्पकालिक चुनौतियों के बावजूद मैं भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र की दीर्घकालिक संभावनाओं के बारे में आशावादी हूं।
नाइट फ्रैंक-नारेडको ने 2024 में अक्टूबर-दिसंबर के बीच किए अपने सर्वे में बताया कि 64 फीसदी लोगों का मानना है कि अगले 6 महीने में ऑफिस लीजिंग में इजाफा हो सकता है। इसके साथ ही 41 प्रतिशत लोगों ने माना कि ऑफिस स्पेस की आपूर्ति अगले 6 महीने में बढ़ेगी। 64 फीसदी लोगों का मानना है कि ऑफिस किराए में वृद्धि हो सकती है।
सर्वेक्षण के निष्कर्षों के आधार पर 54 फीसदी लोगों ने माना कि आर्थिक परिदृश्य में या तो सुधार होगा या यथावत बना रहेगा। इसमें 35 फीसदी सुधार की उम्मीद जताते हैं। हालांकि इससे अधिक 46 फीसदी लोग आर्थिक परिदृश्य नहीं सुधरने की आशंका जाहिर कर रहे हैं। 88 फीसदी लोगों का मानना है कि धन की उपलब्धता में या तो वृद्धि होगी या यह बराबर स्तर पर बना रहेगा,जबकि महज 12 फीसदी लोग ही मानते हैं कि धन की उपलब्धता में कमी आ सकती है।