आवासीय क्षेत्र में मजबूत मांग व लागत बढ़ने से इस वर्ष की पहली तिमाही में 8 प्रमुख शहरों में मकान की कीमतों में 8 फीसदी इजाफा हुआ है। दिल्ली-एनसीआर में आवासीय कीमतों में सबसे अधिक 16 फीसदी की वृद्धि देखी गई। इसके बाद कोलकाता और बेंगलुरु में क्रमशः 15 फीसदी और 14 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। बढ़ती ब्याज दरों के बावजूद पिछले साल से लगातार मांग के कारण मकान की कीमतें बढ़ रही हैं। हालांकि अब ब्याज दरों के चरम पर पहुंचने के बाद इसमें होने वाली वृद्धि पर रोक लग सकती है।
प्रमुख 8 शहरों में मकान खरीदना हुआ महंगा
क्रेडाई-कोलियर्स- लायसेस फोरस हाउसिंग प्राइस ट्रैकर रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2023 की पहली तिमाही में मकान की कीमत में 8 फीसदी इजाफा हुआ है। सालाना आधार पर दिल्ली-एनसीआर में औसत कीमत 16 फीसदी बढ़कर 8,432 रुपये, कोलकाता में 15 फीसदी बढ़कर 7,211 रुपये, बेंगलुरु में 14 फीसदी बढ़कर 8,748 रुपये, हैदराबाद में 13 फीसदी बढ़कर 10,410 रुपये, पुणे में 11 फीसदी बढ़कर 8,352 रुपये और अहमदाबाद में भी 11 फीसदी बढ़कर 6,324 रुपये वर्ग फुट हो गई है। इस दौरान मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (एमएमआर) में मकानों की कीमत 2 फीसदी गिरकर 19,219 रुपये वर्ग फुट रह गई है।
दिल्ली-एनसीआर में सबसे ज्यादा महंगे हुए मकान
दिल्ली-एनसीआर में आवास की कीमतों में पिछली 11 तिमाहियों से लगातार वृद्धि देखी गई है। विशेष रूप से द्वारका एक्सप्रेसवे में 59 फीसदी की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, जिसका मुख्य कारण सेंट्रल पेरिफेरल रोड और द्वारका एक्सप्रेसवे को NH- 8 से जोड़ने वाला लूप था। गोल्फ कोर्स रोड में आवास की कीमतें भी साल दर साल 42 फीसदी बढ़ीं। गोल्फ कोर्स रोड माइक्रो मार्केट में संशोधित कीमतें अब इस क्षेत्र में उच्चतम संपत्ति मूल्यों के लिए जिम्मेदार हैं, जो दिल्ली माइक्रो मार्केट के आवास की कीमतों को पार कर गया है। यह अब तक का उच्चतम था। महामारी से पहले के स्तर की तुलना में इस क्षेत्र में बिना बिके मकानों की संख्या में 38 फीसदी की गिरावट आई है, जो देश के शीर्ष आठ शहरों में सबसे अधिक है। इस क्षेत्र में 2023 की पहली तिमाही के दौरान बिना बिके मकानों में साल दर साल 9 फीसदी की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई, जो सकारात्मक उपभोक्ता खरीद भावना का संकेत है। क्रेडाई के प्रेसिडेंट बोमन ईरानी ने कहा कि खरीदारी के अनुकूल ईको सिस्टम के कारण पिछली कुछ तिमाहियों से घर खरीदारों की भावना काफी सकारात्मक रही है। कच्चा माल महंगा होने से मकानों की कीमत बढने के बावजूद मांग मजबूत बनी हुई है और आगे भी मजबूत रहने की उम्मीद है। उपभोक्ताओं ने विशेष रूप से महामारी के बाद बेहतर सुविधाओं के साथ नए, बड़े घर खरीदने की स्पष्ट इच्छा दिखाई है।
हैदराबाद व एमएमआर में बिना बिके मकानों की संख्या बढी
वर्ष 2023 की पहली तिमाही के दौरान हैदराबाद में बिना बिकी मकानों की संख्या में 38 फीसदी वृद्धि हुइ। इसका मुख्य कारण नए प्रोजेक्ट लॉन्च में तेजी को माना जा सकता है विशेष रूप से शहर के उत्तर पश्चिम और दक्षिण पश्चिम क्षेत्रों (गाचीबावली, कोंडापुर, नानकरामगुड़ा और कोकापेट) में। बेची गई इन्वेंट्री में वृद्धि के बावजूद हैदराबाद में मकान की कीमतों में पिछली नौ तिमाहियों में लगातार वृद्धि देखी गई है। वर्ष 2023 की पहली तिमाही मकान 13 फीसदी महंगे हुए हैं। एमएमआर में मकान कुछ सस्ते हुए हैं। हालांकि बिना बिके मकानों की संख्या में सालाना 29 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह क्षेत्र भारत के प्रमुख शहरों में बिना बिके मकानों के मामले में सबसे अधिक हिस्सेदारी रखता है। पिछली कुछ तिमाहियों से इस क्षेत्र में बिना बिके मकानों की संख्या लगातार बढ़ रही ह। इसकी वजह शहर में नए प्रोजेक्ट लॉन्च होना है।
कोलियर्स इंडिया के सीनियर डायरेक्टर और रिसर्च हेड विमल नादर ने कहा कि मई 2022 से आरबीआई की रीपो दर में 250 आधार अंकों की वृद्धि के बावजूद भारत में आवासीय क्षेत्र 2022 तक और 2023 की पहली तिमाही में मजबूत बना रहा। होम लोन की ब्याज दरों में लगातार वृद्धि ने मांग को प्रभावित नहीं किया और बिक्री की गति मजबूत बनी रही। आवासीय रियल एस्टेट के 2023 में आशाजनक बने रहने की उम्मीद है। लायसेस फोरस के प्रबंध निदेशक पंकज कपूर ने कहा वित्त वर्ष 23 में भारत के प्रमुख भारतीय शहरों में अब तक के सबसे नए लॉन्च और बिक्री देखी गई। यह प्रवृत्ति जारी रहने की संभावना है। साथ ही बिक्री और आपूर्ति बढ़ने की संभावना है और मूल्य वृद्धि मध्यम होगी।