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इसी हफ्ते मिलेगी आरकॉम-एमटीएन की लाइन!

Last Updated- December 07, 2022 | 9:03 AM IST

भारतीय अरबपति अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस और दक्षिण अफ्रीका की टेलीकॉम कंपनी एमटीएन के बीच गठबंधन इसी हफ्ते हो सकता है।


खबरों के मुताबिक दोनों कंपनियां इस रविवार तक सौदे का ऐलान कर सकती हैं। न्यूयॉर्क में वॉल स्ट्रीट जरनल के ऑनलाइन संस्करण की रिपोर्ट में इस मामले से जुड़े दो लोगों  के हवाले से कहा गया है कि इस करार को रोकने के लिए कानूनी कार्रवाई की धमकियों के बावजूद दोनों कंपनियां रविवार को अपने इस करार की घोषणा कर सकती हैं।

रिपोर्ट में सूत्र का कहना है, ‘यह करार इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि यह किसी भी मुकदमे को दायर करने से टाल देगा। लेकिन किसी भी स्थिति में आरकॉम और एमटीएन आगे बढ़ने के लिए तैयार है और मुकेश अंबानी के साथ करार को चुनौती दी जाएगी, जब कभी भी वह होगा।’ रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले से यह भी कहा गया है कि यह जोखिम लेने लायक है। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों कंपनियां करार की घोषणा के बेहद करीब पहुंच गई हैं। अगर दोनों के बीच कोई आखिर मौके पर मन-मुटाव नहीं होते तो यह घोषणा जल्द से जल्द रविवार या फिर अगले सप्ताह किसी भी समय हो सकती है।

ब्रिटेन के दैनिक समाचार पत्र फाइनैंशियल टाइम्स में एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि आरकॉम बड़े भाई मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज से किसी भी कानूनी चुनौती को रोकने के लिए कुछ वैश्विक निजी इक्विटी और पश्चिमी देशों की सोवरेन वेल्थ फंड्स के साथ गठजोड़ भी कर रही है ताकि कंपनी एमटीएन में 51 फीसदी हिस्सेदारी हासिल कर सके। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भारतीय अरबपति अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशंस दक्षिण अफ्रीका की मोबाइल ऑपरेटर कंपनी एमटीएन में आधे से अधिक हिस्सेदारी हासिल करने में बड़े भाई (रिलायंस इंडस्ट्रीज) की ओर से आने वाली किसी भी कानूनी चुनौती को रोकने में मदद करेगा।’

गौरतलब है कि इससे पहले मीडिया जगत में कहा जा रहा था कि इस करार में एमटीएन के पास आरकॉम में अधिक हिस्सेदारी होगी। इस बात की जानकारी मिलते ही रिलायंस इंडस्ट्रीज की कानूनी कार्रवाई की चेतावनी के एमटीएन और आरकॉम को पत्र भेजा गया, जिसमें कहा गया था इस तरह का करार रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास अनिल अंबानी समूह कंपनी में हिस्सेदारी की बिक्री पर इनकार करने के पहले अधिकार को तोड़ता है।

मई के अंत में दोनों कंपनियों आरकॉम और एमटीएम के बीच इस संभावित करार की बातचीत शुरू हुई, जो मिलकर एक कंपनी बना सकते हैं, जो लगभग 280 अरब रुपये से लेकर 320 अरब रुपये की हो सकती है। फाइनैंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार करार के पुराने ढांचे के अनुसार अनिल अंबाई और उसके सह निवेशकों की योजना 40 से 45 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की थी, लेकिन अब 51 प्रतिशत खरीदने की बातचीत चल रही है।

रिपोर्ट में तो यह भी कहा गया है कि इस नए ढांचे के लिए अब निजी इक्विटी कंपनियों को लगभग 220 अरब रुपये तक की जरूरत पड़ सकती है। यह रकम पहले बताई गई रकम से कम से कम 3 गुना अधिक है।

बजेगी सौदे की घंटी

रविवार को इस सौदे पर बात करने के  लिए दोनों कंपनियों की बैठक 
बड़े भाई की किसी भी कानूनी चुनौती से निपटने की तैयारी कर ली है छोटे अंबानी ने
एमटीएन में 51 फीसदी हिस्सेदारी के लिए होगा करार
लगभग 320 अरब रुपये में होगा करार

First Published - July 3, 2008 | 11:06 PM IST

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