फिनटेक कंपनी Razorpay ने वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी का कुल रेवेन्यू 65% की उछाल के साथ 2,296 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,783 करोड़ रुपये हो गया। लेकिन इस चमक के पीछे कुछ चुनौतियां भी हैं। कंपनी को 1,209 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिसका बड़ा कारण भारत में कंपनी का डोमिसाइल लौटाने (रिवर्स फ्लिपिंग) की प्रक्रिया और इसके साथ जुड़े टैक्स और रीस्ट्रक्चरिंग के खर्चे रहे। मई 2024 में Razorpay ने अमेरिका से भारत में अपनी डोमिसाइल प्रक्रिया पूरी की।
कंपनी का ग्रॉस प्रॉफिट भी 41% बढ़कर 906 करोड़ रुपये से 1,277 करोड़ रुपये तक पहुंचा। Razorpay भारत के सबसे बड़े पेमेंट गेटवे में से एक है और इसकी यह ग्रोथ इसे और मजबूत बनाती है। कंपनी के सीईओ और को-फाउंडर हर्षिल माथुर ने बताया कि उनका ऑनलाइन पेमेंट बिजनेस अब EBITDA प्रॉफिटेबल है और अच्छा कैश फ्लो जनरेट कर रहा है। इसके अलावा, नए बिजनेस जैसे Razorpay POS, लॉयल्टी प्रोग्राम, RazorpayX और इंटरनेशनल बिजनेस में भी अच्छी रफ्तार दिख रही है।
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Razorpay अब सिर्फ पेमेंट गेटवे तक सीमित नहीं है। कंपनी AI-बेस्ड प्रोडक्ट्स और फाइनेंशियल इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश कर रही है। CFO अर्पित चग ने कहा कि कंपनी हर प्रोडक्ट लेवल पर फाइनेंशियल डिसिप्लिन बरत रही है। यानी, जो बिजनेस कैश जेनरेट कर रहे हैं, उनके साथ-साथ हाई-पोटेंशियल वाले नए बिजनेस में भी स्मार्ट तरीके से पैसा लगाया जा रहा है।
इंटरनेशनल मार्केट में भी Razorpay ने कदम बढ़ाए हैं। मार्च 2025 में कंपनी ने सिंगापुर में एंट्री की, जो इसका दूसरा इंटरनेशनल कदम है। इससे पहले, 2022 में मलेशिया की फिनटेक कंपनी कर्लेक में बहुमत हिस्सेदारी खरीदी थी और जुलाई 2023 में वहां पहला इंटरनेशनल पेमेंट गेटवे लॉन्च किया। सिंगापुर की एंट्री से कंपनी का फोकस अब साउथईस्ट एशिया के बाजार पर और मजबूत हो गया है।
Razorpay की यह रफ्तार और नए क्षेत्रों में विस्तार इसे फिनटेक इंडस्ट्री में और मजबूत बनाता है, लेकिन नुकसान को काबू करना भी कंपनी के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।