कच्चा माल तथा ईंधन सस्ता होने से चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में भारतीय कंपनियों का शुद्ध मुनाफा दो अंक में बढ़ गया। यह लगातार चौथी तिमाही है, जब शुद्ध मुनाफा दो अंकों में बढ़ा है। कंपनियों की आय में तो सुस्त बढ़ोतरी हुई मगर बेहतर मार्जिन ने उसकी भरपाई कर दी। लगातार तीसरी तिमाही में कंपनियों की आय एक अंक में ही बढ़ी है।
अभी तक 3,342 सूचीबद्ध कंपनियों ने तीसरी तिमाही के नतीजों का ऐलान किया है और उनका कुल शुद्ध मुनाफा पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के मुकाबले 24.7 फीसदी बढ़कर 3.18 लाख करोड़ रुपये रहा। पिछली बार शुद्ध मुनाफा 2.55 लाख करोड़ रुपये ही था। मगर इस बार मुनाफा एक तिमाही पहले के 3.15 लाख करोड़ रुपये से थोड़ा ही ज्यादा रहा।
हालिया समाप्त तिमाही में इन कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री उससे एक साल पहले की तुलना में 7.8 फीसदी बढ़ी। 2022-23 की तीसरी तिमाही में इन कंपनियों की कुल बिक्री 16.8 फीसदी बढ़ी थी। मगर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 5.7 फीसदी और दूसरी तिमाही में 5.9 फीसदी वृद्धि की तुलना में तीसरी तिमाही में बिक्री की वृद्धि तेज हुई है।
बिज़नेस स्टैंडर्ड के नमूने में शामिल कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 34.63 लाख करोड़ रुपये रही जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 32.13 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में 33.57 लाख करोड़ रुपये थी।
कमाई में इजाफा मार्जिन और परिचालन या एबिटा मार्जिन बढ़ने से हुआ है। वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में कंपनियों का मार्जिन साल भर पहले से 322 आधार अंक बढ़कर 26.7 फीसदी रहा, जो वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में 23.5 फीसदी था। इस समय कंपनियों का परिचालन मार्जिन 5 साल के औसत मार्जिन 24.2 फीसदी से करीब 250 आधार अंक ज्यादा है। मगर वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही के 27.4 फीसदी मार्जिन के मुकाबले कंपनियों का मार्जिन इस बार करीब 70 आधार अंक कम है।
वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में कंपनियों का शुद्ध मुनाफा मार्जिन भी अक्टूबर-दिसंबर, 2022 की तुलना में 112 आधार अंक बढ़कर 8.66 फीसदी रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 7.54 फीसदी था। शुद्ध मुनाफा मार्जिन के पिछले 5 साल का औसत 6.9 फीसदी रहा है।
वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में आईटी फर्मों को छोड़कर लगभग सभी क्षेत्र की कंपनियों का परिचालन मार्जिन बढ़ा है। बिक्री के मुकाबले वेतन-भत्तों का खर्च बढ़ने के कारण टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस और विप्रो का परिचालन मार्जिन गिरा है। सबसे ज्यादा 30 फीसदी इजाफा तेल एवं गैस कंपनियों के मार्जिन में हुआ। उनके बाद खनन एवं धातु कंपनियों, वाहन एवं कलपुर्जा कंपनियों के परिचालन मार्जिन में भी इजाफा हुआ है।
बैंक, वित्त, बीमा और शेयर ब्रोकिंग (बीएफएसआई) फर्मों को छोड़ दें तो 2,753 कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में 2.06 लाख करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2023 की समान तिमाही के 1.59 लाख करोड़ रुपये से 29.4 फीसदी ज्यादा रहा। इन कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री साल भर पहले से 4.5 फीसदी बढ़कर 27.38 लाख करोड़ रुपये रही, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में इनकी बिक्री 15.9 फीसदी बढ़ी थी।
बीएफएसआई कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा 1.11 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के 96,000 करोड़ रुपये से 16.7 फीसदी ज्यादा रहा। इन कंपनियों की सकल ब्याज आय 22.2 फीसदी बढ़ी है, जो पिछली 14 तिमाही में सबसे धीमी वृद्धि है।
बीएफएसआई और तेल एवं गैस कंपनियों को हटाने पर 2,732 कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा 1.57 लाख करोड़ रुपये रहा, जो अक्टूबर-दिसंबर, 2022 के 1.24 लाख करोड़ रुपये से 27.1 फीसदी बढ़ गया।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आंकड़ा 1.48 लाख करोड़ रुपये था। इन कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में 6.8 फीसदी बढ़कर 19.58 लाख करोड़ रुपये रही, जो वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही के 14 फीसदी वृद्धि से कम है।
हमारे नमूने में शामिल 21 तेल एवं गैस कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में 37.8 फीसदी बढ़कर 48,152 करोड़ रुपये रहा।