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Q2 FY25 Results: हैवेल्स और पॉलिकैब ने 16 से 30 प्रतिशत के दायरे में दर्ज की ग्रोथ, मगर मार्जिन पर बढ़ा दबाव

जेफरीज रिसर्च में विश्लेषक सोनाली सालगांवकर का मानना है कि पॉलिकैब का केबल ऐंड वायर राजस्व वित्त वर्ष 2024 से वित्त वर्ष 2027 तक 20 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा।

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राम प्रसाद साहू   
Last Updated- October 20, 2024 | 10:19 PM IST

वित्त वर्ष 2025 की जुलाई-सितंबर तिमाही में सबसे बड़ी सूचीबद्ध कंज्यूमर इलेक्ट्रिकल सॉल्युशन कंपनियों में शामिल हैवेल्स इंडिया और पॉलिकैब इंडिया दोनों का प्रदर्शन लगभग एक जैसा रहा। सितंबर तिमाही में दोनों कंपनियों ने मजबूत राजस्व वृद्धि दर्ज की लेकिन मुनाफे के अनुमानों पर पूरी तरह खरी नहीं उतरीं।

दोनों कंपनियों ने 16 से 30 प्रतिशत के दायरे में वृद्धि दर्ज की। लेकिन मार्जिन एक साल पहले की तुलना में 130 से 290 आधार अंक तक घट गया। हालांकि ब्रोकर इनके दीर्घाव​धि परिदृश्य को लेकर उत्साहित हैं और उन्होंने राजस्व अनुमान बढ़ा दिए हैं। लेकिन मार्जिन दबाव की वजह से आय अनुमानों में कमी की है। केबल ऐंड वायर (सीऐंडडब्ल्यू) व्यवसाय दोनों कंपनियों के लिए विकास का मुख्य वाहक बना रहा। हैवेल्स ने इस सेगमेंट (कुल राजस्व में करीब 40 प्रतिशत योगदान) में सालाना आधार पर 23 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।

भारत में 25-26 प्रतिशत भागीदारी के साथ संगठित वायर केबल ऐंड वायर सेगमेंट में बाजार दिग्गज पॉलिकैब ने एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले 24 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की। केबल ऐंड वायर सेगमेंट का कंपनी के कुल राजस्व में 85 प्रतिशत योगदान है। इस सेगमेंट में वायर ने अच्छा प्रदर्शन किया और इसकी वजह माल कम होने की वजह से डीलरों के पास उसका स्टॉक बढ़ना रहा।

हैवेल्स के प्रबंधन ने संकेत दिया है कि शहरी बाजारों में मांग मजबूत बनी हुई है जबकि ग्रामीण बाजार वित्त वर्ष 2024 की सुस्ती के बाद सुधार दर्ज कर रहे हैं। बाजार की नजर त्योहारी सीजन पर रहेगी। हालांकि पॉलिकैब को वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में वृद्धि की रफ्तार तेज होने की उम्मीद है। उसे सरकारी खर्च, निजी कंपनियों से लगातार निवेश और मजबूत रियल एस्टेट क्षेत्र से मदद मिल सकती है।

केबल ऐंड वायर के अलावा तेजी से बढ़ रहे इलेक्ट्रिकल वस्तु क्षेत्र में पॉलिकैब की बिक्री सालाना आधार पर 18 प्रतिशत तक बढ़ी, खासकर उसे पंखों के सेगमेंट में मदद मिली जिसका पिछले साल न्यून आधार था। पॉलिकैब को मजबूत ऑनलाइन बिक्री से भी मदद मिली। जहां ​रियल एस्टेट में मांग की वजह से स्विचगियर सेगमेंट में अच्छी वृद्धि देखी गई वहीं लाइटिंग खंड को मौजूदा कीमत गिरावट से दबाव का सामना करना पड़ा है।

जेफरीज रिसर्च में विश्लेषक सोनाली सालगांवकर का मानना है कि पॉलिकैब का केबल ऐंड वायर राजस्व वित्त वर्ष 2024 से वित्त वर्ष 2027 तक 20 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा। कंपनी के इस राजस्व को खासकर अनुमानित पूंजीगत खर्च में सुधार, बुनियादी ढांचा विकास और भारत में आवासीय क्षेत्र में तेजी का फायदा मिलेगा। ब्रोकरेज ने इस शेयर पर ‘खरीदें’ रेटिंग बरकरार रखी है। लेकिन उसने मार्जिन दबाव की वजह से अपने आय अनुमान 2 प्रतिशत तक घटा दिए हैं।

हैवेल्स के इलेक्ट्रिकल उपभोक्ता ड्यूरेबल कारोबार में 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसे त्योहारी मांग और ब्रांड की बढ़ती स्वीकार्यता के कारण विभिन्न श्रेणियों (फैन, छोटे घरेलू उपकरण और वॉटर हीटर) में मजबूत बढ़ोतरी से मदद मिली।

लॉयड सेगमेंट में कंपनी ने मौसमी आधार पर कमजोर समझी जाने वाली तिमाही के दौरान नॉन-रूम एयर कंडीशनर (एसी) पोर्टफोलियो के साथ सालाना आधार पर 19 प्रतिशत की वैल्यू वृद्धि दर्ज की। इस पोर्टफोलियो में रेफ्रिजरेटर, वा​शिंग मशीन और एलईडी पैनल, रूम एसी उपकरण शामिल हैं। कंपनी सेगमेंट स्तर पर नुकसान को वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही के 73 करोड़ रुपये से घटाकर 22 करोड़ रुपये पर लाने में सफल रही।

हालांकि एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने हैवेल्स इंडिया का ईपीएस अनुमान वित्त वर्ष 2025-27 के लिए 3 प्रतिशत तक कम कर दिया है। लेकिन विश्लेषक पार्थ गाला को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में बाजार की इस अग्रणी कंपनी का परिचालन प्रदर्शन बेहतर होगा। यह अनुमान हैवेल्स के विविध उत्पाद पोर्टफोलियो पर आधारित है, जिसमें 70 प्रतिशत घरेलू विद्युत सॉकेट्स, लॉयड पोर्टफोलियो की बढ़ती लोकप्रियता है।

दोनों कंपनियों के लिए बड़ी निराशा सितंबर तिमाही के दौरान मार्जिन में कमी थी। हैवेल्स का मुनाफा मार्जिन घटकर 8.3 प्रतिशत रह गया जो 130 आधार अंक की गिरावट है। यह गिरावट मुख्य रूप से विज्ञापन खर्च में सालाना आधार पर 54 प्रतिशत की वृद्धि और मानव श्रम लागत में 21 प्रतिशत वृद्धि की वजह से आई।

पॉलिकैब का मार्जिन 295 आधार अंक तक घटकर 11.5 प्रतिशत रह गया। बढ़ते प्रतिस्पर्धी दबाव और केबल और वॉयर सेगमेंट में ज्यादा मार्जिन वाले घरेलू वितरण व्यवसाय से कम योगदान की वजह से मार्जिन में कमजोरी देखने को मिली। इसके अलावा कम मार्जिन वाले अन्य/इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) व्यवसाय में मजबूत वृद्धि के साथ साथ विज्ञापन और कर्मचारी लागत में बढ़ोतरी की वजह से तेजी से बढ़ रहे इले​क्ट्रिकल वस्तु खंड में नुकसान से भी मार्जिन दबाव को बढ़ावा मिला।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का मानना है कि हाई-मार्जिन घरेलू केबल और वॉयर व्यवसाय से योगदान में सुधार और ईपीसी व्यवसाय से कम योगदान से 2025-26 में मार्जिन में सुधार को बढ़ावा मिल सकता है।

First Published : October 20, 2024 | 10:19 PM IST