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निजी कंपनियों ने कसी कमर, देश को वैश्विक एआई नक्शे पर लाने की चल रही तैयारी

हीरानंदानी समूह के निवेश वाली योट्टा इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी फर्म विभिन्न सरकारी विभागों के लिए जीपीयू आधारित कंप्यूट क्षमता का निर्माण कर रही हैं।

Last Updated- August 19, 2024 | 10:39 PM IST
निजी कंपनियों ने कसी कमर, देश को वैश्विक एआई नक्शे पर लाने की चल रही तैयारी Private sector drives India's AI ambition with govt support, policies

एआई के वैश्विक मानचित्र पर अपनी छाप छोड़ने की भारत की महत्त्वाकांक्षा बड़े स्तर पर निजी क्षेत्र की कंपनियां से संचालित है। इसमें बड़ी तकनीक और स्टार्टअप कंपनियां शामिल हैं। नीति निर्माण सहित सरकारी नेतृत्व वाले कार्यक्रमों के मामले में भी यही बात लागू होती है।

हीरानंदानी समूह के निवेश वाली योट्टा इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी फर्म विभिन्न सरकारी विभागों के लिए जीपीयू आधारित कंप्यूट क्षमता का निर्माण कर रही हैं। वाधवानी एआई जैसी कंपनियां आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) की नीतियों और इसके वैश्विक एआई दृष्टिकोण पर लगातार मंत्रालय को सलाह दे रही हैं।

बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ हाल में हुई बातचीत में वाधवानी एआई के उत्पाद और कार्यक्रम निदेशक नकुल जैन ने कहा कि कंपनी क्षमता निर्माण कवायद के तहत एआई और उभरती प्रौद्योगिकियों के संबंध में सरकारी अधिकारियों को बुनियादी प्रशिक्षण और जागरूकता प्रदान कर रही है।

जैन ने कहा, ‘भारत एआई मिशन के लिए हमारा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ एक समझौता है। हमारे पास मंत्रालय के लिए काम करने वाली समर्पित टीम है, जो भारत एआई की कई पहलों में नेतृत्व का समर्थन कर रही है।’

उन्होंने कहा ‘फिलहाल यह छह से आठ सदस्यों वाली टीम है। मुझे लगता है कि उनमें से करीब चार से पांच लोग मंत्रालय से बाहर के हैं जो लगातार काम कर रहे हैं, अच्छी तरह से एकीकृत, अंतर्निहित हैं और फिर कुछ लोग हैं जो बाहर से मदद कर रहे हैं। इस टीम को आगे और बढ़ाने की योजना है क्योंकि बहुत सारे अवसर हैं और हमने अभी हाल ही में शुरुआत की है।’

वाधवानी की टीम एआई से संबंधित विभिन्न पहलों में सरकार की मदद कर रही है। भारत एआई मिशन के लिए संपूर्ण ऐप्लिकेशन लेयर या ऐप्लिकेशन पिलर बनाना और एआई पर वैश्विक भागीदारी (जीपीएआई) कार्यक्रम चलाने में मदद करना कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां यह योगदान दे रही है।

नकुल ने कहा ‘बहुत-से कार्यक्रम हैं, बहुत सारे ऐसे नीतिगत हिस्से हैं, अवधारणा नोट हैं जिनकी सरकार को जरूरत है। इसलिए टीम सरकार को इनमें से कुछ कार्यक्रमों को आयोजित करने में मदद कर रही है, इन कार्यक्रमों के लिए रूपरेखा तैयार कर रही है।’

First Published - August 19, 2024 | 10:39 PM IST

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