मारुति सुजूकी इंडिया ने कहा है कि वह अप्रैल से अपनी कारों की कीमतें बढ़ाएगी, क्योंकि महंगाई बढ़ने और नियामकीय चुनौतियों की वजह से उसकी निर्माण लागत बढ़ रही है। हालांकि कंपनी ने इस कीमत वृद्धि की सही मात्रा के बारे में अभी जानकारी नहीं दी है।
इस साल यह दूसरी बार है जब भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता उपरोक्त दो वजहों से अपने वाहनों की कीमतें बढ़ा रही है। 16 जनवरी को कंपनी ने अपने सभी मॉडलों की कीमतें करीब 1.1 प्रतिशत तक बढ़ाई थीं।
बीएस-6 मानकों के दूसरे चरण पर 1 अप्रैल से अमल किया जाएगा और भारतीय वाहन निर्माता कंपनियां अपने मॉडलों को नए नियमों के अनुकूल बनाने के लिए उनमें जरूरी बदलाव ला रही हैं।
इन मानकों के तहत, वाहनों को रियल-टाइम ड्राइविंग एमिसन लेवल की निगरानी के लिए सेल्फ-डायग्नोस्टिक डिवाइस लगाना अनिवार्य है। यह उपकरण उत्सर्जन मानकों को पूरा करने के लिए संबंधित कलपुर्जों पर नजर रखेगा, जैसे कैटालिटिक कन्वर्टर और ऑक्सीजन सेंसर। इससे उत्सर्जन पर सही तरीके से नजर रखी जा सकेगी।
मारुति की प्रतिस्पर्धी टाटा मोटर्स और दोपहिया निर्माता हीरो मोटोकॉर्प कीमतों में 5 प्रतिशत और 2 प्रतिशत तक वृद्धि की घोषणा पहले ही कर चुकी हैं, क्योंकि उन्हें बीएस-6 मानकों के दूसरे चरण के क्रियान्वयन संबंधित लागत में वृद्धि का सामना करना पड़ा है।
आरबीआई मार्च बुलेटिन के अनुसार, भारत में उपभोक्ता कीमत मुद्रास्फीति ऊंची बनी हुई है और मुख्य मुद्रास्फीति उत्पाद कीमतों में कुछ नरमी के बावजूद लगातार बढ़ रही है।
गुरुवार को बीएसई को भेजे अपने बयान में मारुति सुजूकी इंडिया ने कहा, ‘मुद्रास्फीति और नियामकीय चुनौतियों की वजह से कंपनी को बढ़ते लागत दबाव का लगातार सामना करना पड़ रहा है। हालांकि कंपनी ने लागत घटाने के अधिकतम प्रयास किए हैं, लेकिन कीमत वृद्धि के जरिये इसका कुछ बोझ ग्राहकों पर डालना जरूरी हो गया है। कंपनी ने अप्रैल, 2023 से कीमतें बढ़ाने की योजना बनाई है।’
भारत में खुदरा मुद्रास्फीति में मामूली गिरावट आई है, लेकिन यह फरवरी में लगातार दूसरे महीने भी आरबीआई के निर्धारित दायरे (6 प्रतिशत) से ऊपर बनी रही।