facebookmetapixel
केंद्र सरकार ने चीनी निर्यात पर लगाई मुहर, मोलासेस टैक्स खत्म होने से चीनी मिलों को मिलेगी राहतCDSCO का दवा कंपनियों पर लगाम: रिवाइज्ड शेड्यूल एम के तहत शुरू होंगी जांचें; अब नहीं चलेगी लापरवाहीपूर्वोत्तर की शिक्षा में ₹21 हजार करोड़ का निवेश, असम को मिली कनकलता बरुआ यूनिवर्सिटी की सौगातकेंद्र सरकार ने लागू किया डीप सी फिशिंग का नया नियम, विदेशी जहाजों पर बैन से मछुआरों की बढ़ेगी आयCorporate Action Next Week: अगले हफ्ते शेयर बाजार में स्प्लिट-बोनस-डिविडेंड की बारिश, निवेशकों की चांदीBFSI फंड्स में निवेश से हो सकता है 11% से ज्यादा रिटर्न! जानें कैसे SIP से फायदा उठाएं900% का तगड़ा डिविडेंड! फॉर्मिंग सेक्टर से जुड़ी कंपनी का निवेशकों को तोहफा, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्तेDividend Stocks: निवेशक हो जाएं तैयार! अगले हफ्ते 40 से अधिक कंपनियां बांटेंगी डिविडेंड, होगा तगड़ा मुनाफाStock Split: अगले हफ्ते दो कंपनियां करेंगी स्टॉक स्प्लिट, छोटे निवेशकों के लिए बनेगा बड़ा मौकादेश में बनेगा ‘स्पेस इंटेलिजेंस’ का नया अध्याय, ULOOK को ₹19 करोड़ की फंडिंग

टिक टॉक पर पाबंदी से बढ़ी भारतीय ऐप की लोकप्रियता

Last Updated- December 15, 2022 | 5:19 AM IST

तकनीकी और मनोरंजन क्षेत्र की भारतीय कंपनियां टिक टॉक समेत चीनी स्वामित्व वाली ऐप पर सरकारी प्रतिबंध से पैदा हुए अप्रत्याशित अवसर को भुनाने की ताक में हैं। इसकी एक प्रतिस्पद्र्धी वीडियो ऐप का कहना है कि उसने 48 घंटे में 2.2 करोड़ उपयोगकर्ता जोड़े हैं।
भारत ने इस सप्ताह टेनसेंट की वीचैट और टिक टॉक समेत चीन के स्वामित्व वाली 59 ऐप पर रोक लगाई है। देश के प्रौद्योगिकी मंत्री द्वारा इसे चीन के खिलाफ डिजिटल हमला बताया गया है। भारत और चीन के बीच विवादित सीमा स्थल पर टकराव के बाद यह कदम उठाया गया है जिसमें 20 भारतीय सैनिक मारे गए थे।
20 करोड़ भारतीय उपयोगकर्ताओं वाली टिक टॉक, जिसमें उपयोगकर्ताओं के लिए आसान इंटरफेस, पृष्ठभूमि में संगीत का विकल्प और विभिन्न विशेष प्रभाव वाली खूबियां उपलब्ध हैं, देश के सोशल मीडिया क्षेत्र में पनप रही ताकत थी और इस प्रतिबंध ने इसके प्रशंसकों को इस ऐप के विकल्प तलाशने के लिए विवश कर दिया है।
भारतीय वीडियो-शेयरिंग सोशल मीडिया ऐप रोपोसो टिक टॉक के समान है जो वर्ष 2014 से मौजूद है। कंपनी के संस्थापक मयंक भंगडिया ने रॉयटर्स को बताया कि भारत द्वारा चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद दो दिनों में इसके उपयोगकर्ताओं की संख्या में 2.2 करोड़ तक का इजाफा नजर आया है। मयंक ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में मैं कुल पांच घंटे ही सोया हूं और हमारी पूरी टीम का भी यही हाल है। उन्होंने कहा कि दबाव बहुत ज्यादा है और हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि अनुभव जितना संभव हो उतना आसान रहे।
अब गूगल के एंड्रॉयड पर रोपोसो के कुल आठ करोड़ से अधिक डाउनलोड हैं और मयंक को उम्मीद है कि कुछ ही दिनों में यह आंकड़ा 10 करोड़ तक पहुंच जाएगा। प्रतिबंध से पहले एंड्रॉयड डिवाइसों पर रोपोसो लगभग पांच करोड़ बार इंस्टॉल किया गया था। बेंगलूरु के दक्षिणी भारतीय प्रौद्योगिकी केंद्र में स्थित इस कंपनी के पास अभी केवल 200 कर्मचारी हैं, लेकिन यह अगले दो वर्षों के दौरान 10,000 से ज्यादा लोगों को नियुक्त करने की योजना बना रही है और ऐप को वैश्विक स्तर पर ला सकती है। टिक टॉक की विकल्प चिंगारी और मित्रों जैसी देश में विकसित अन्य ऐप को भी उपयोकर्ताओं का साथ मिल रहा है जिनमें से कई उपयोगकर्ता सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत आह्वान को दोहरा रहे हैं। नागरिकों से जुड़ी केंद्र सरकार की माईगोव वेबसाइट ने पिछले महीने रोपोसो पर अपना अकाउंट बनाया है। एक मंत्री ने कहा कि हमें अपनी खुद की प्रणाली तैयार करनी होगी। हर देश ने ऐसा किया हुआ है। यह हमारा आत्मनिर्भर कार्यक्रम है।
नए भागीदार भी प्रतिस्पद्र्धा में आ रहे हैं। मुंबई स्थित जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज अगले दो महीने में एक विज्ञापन-समर्थित छोटी वीडियो वाला प्लेटफॉर्म शुरू करने वाला है, नाम है हाईपाई। इसकी डिजिटल इकाई जी-5 के उत्पाद प्रमुख रजनील कुमार ने यह जानकारी दी है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि टिक टॉक के पूर्व उपयोगकर्ताओं को हाईपाई में सामग्री का वैसा ही आनंद मिलता रहेगा, जैसा कि पहले मिलता था।

First Published - July 3, 2020 | 10:58 PM IST

संबंधित पोस्ट