उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टरप्लान में निजी क्षेत्र को सीमित रूप से जगह देगा और इस मामले की जांच के लिए अंतर मंत्रालयी बैठकें आयोजित की जा रही हैं।
डीपीआईआईटी में विशेष सचिव सुमिता द्वारा ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, ‘विज्ञान एवं तकनीक विभाग की एक भूस्थानिक नीति है, इस ढांचे के मुताबिक हम आगे बढ़ रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना तकनीक मंत्रालय भी इसमें एक अहम हिस्सेदार है क्योंकि इससे डेटा सुरक्षा जैसे मसले भी जुड़े हैं।’
सरकार इस मामले में खासकर संवेदनशील मसलों को लेकर विभिन्न आयाम से जांच करेगी। द्वारा ने कहा, ‘हर मंत्रालय के पास आंकड़े हैं। चिह्नित करना होगा कि कौन से आंकड़े (राष्ट्रीय मास्टरप्लान में) वे साझा करना चाहते हैं। जो चीजें पहले से सार्वजनिक हैं, वह मसला नहीं है।’
इसके अलावा यह भी फैसला करने के जरूरत है कि एक बार आंकड़े सार्वजनिक होने पर उसका मकसद साफ होना चाहिए। राष्ट्रीय मास्टरप्लान में निजी क्षेत्रों की पहुंच देने के पीछे वजह यह है कि इससे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को लागू करने में मदद मिलेगी।
यह इस पर निर्भर होगा कि किस तरह के आंकड़े साझा किए जाते हैं। बहरहाल सुरक्षा के मसलों को देखते हुए निजी यूजर्स के लिए प्रोटोकॉल तैयार करना अहम है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र कनेक्टिविटी के मसले को भी देखेगा।