पावर फाइनैंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) ने 30 करोड़ यूरो का यूरो ग्रीन बॉन्ड जारी किया है। सात साल की अवधि वाले इन बॉन्डों को 1.841 फीसदी की कीमत पर जारी किया गया है। पीएफसी ने कहा कि किसी भारतीय बॉन्ड जारीकर्ता की तरफ से यूरो के बाजार में यह सबसे कम प्रतिफल है। पीएफसी ने एक सार्वजनिक बयान में कहा, यह पीएफसी की तरफ से न सिर्फ पहला बॉन्ड है बल्कि भारत की तरफ से जारी होने वाला पहला यूरो ग्रीन बॉन्ड है।
इसके अतिरिक्त किसी भारतीय एनबीएफसी की तरफ से जारी होने वाला पहला यूरो बॉन्ड है, साथ ही साल 2017 के बाद भारत की तरफ से जारी होने वाला पहला यूरो बॉन्ड भी है। इसके साथ ही पीएफसी अंतरराष्ट्रीय स्तरपर रकम जुटाने के मामले में यूरोपीय बाजार में उतर गई। कंपनी ने यह भी कहा कि एशिया व यूरोप के काफी संस्थागत निवेशकों ने इसमें हिस्सा लिया और इसे 2.65 गुना आवेदन मिले।
पीएफसी के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक आर एस ढिल्लन ने कहा, बॉन्ड जारी किए जाने से कंपनी को अक्षय ऊर्जा पोर्टफोलियो के प्रबंधन में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, यह इश्यू भारत के अक्षय ऊर्जा लक्ष्य को हासिल करने में हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। इससे कंपनी को अपना करेंसी बुक के अलावा निवेशक आधार का विशाखन करने में मदद मिलेगी।
