पेटीएम के स्वामित्व वाली कंपनी की सहायक फर्स्ट गेम्स टेक्नोलजी को जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) से एक नोटिस मिला है। इसमें ब्याज और जुर्माने के साथ 5,712 करोड़ रुपये की देनदारी का दावा किया गया है। गेमिंग कंपनी को सोमवार को कारण बताओ नोटिस मिला। नोटिस जनवरी 2018 से मार्च 2023 के बीच की अवधि के लिए है। वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल) की इकाई फर्स्ट गेम्स ने कहा कि डीजीजीआई का मानना है कि जीएसटी की देनदारी की गणना टोटल एंट्री अमाउंट पर 28 फीसदी की दर से की जानी चाहिए जबकि गेमिंग कंपनियों की ओर से प्लेटफॉर्म शुल्क या सृजित राजस्व पर 18 फीसदी का भुगतान किया जाता है।
कंपनी ने एक बयान में कहा, यह पूरे उद्योग का मसला है। जीएसटी विभाग ने पहले ही कई गेमिंग कंपनियों को नोटिस भेजे हैं। मामला फिलहाल सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है और उन्होंने अंतरिम राहत देते हुए आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है।
फर्स्ट गेम्स इस नोटिस को चुनौती देने के लिए याचिका दायर करेगी। याचिका में 1 अक्टूबर 2023 के जीएसटी संशोधन के पिछली तारीख के आवेदन के साथ-साथ संशोधन से पहले जीएसटी नियमन की व्याख्या शामिल होगी।
उसने कहा, रिट याचिका में गेमिंग उद्योग में अन्य लोगों जैसी ही अंतरिम राहत की मांग की जाएगी और इसके अनुसार फर्स्ट गेम्स जनवरी 2018 से मार्च 2023 तक की अवधि के लिए लागू ब्याज और दंड के साथ 5,712 करोड़ रुपये की प्रस्तावित देनदारी को चुनौती देगी।
मार्च में ओसीएल को प्रवर्तन निदेशालय से विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के कथित उल्लंघन पर कारण बताओ नोटिस मिला था। इसमें दो सहायक कंपनियों के अधिग्रहण से संबंधित 611 करोड़ रुपये से अधिक के कुल लेनदेन शामिल थे।
कथित उल्लंघन ओसीएल के दो सहायक कंपनियों – लिटल इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड (एलआईपीएल) और नियरबाय इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एनआईपीएल- पूर्व में ग्रुपऑन) के अधिग्रहण से संबंधित हैं, जिनमें कुछ निदेशक और अधिकारी भी शामिल हैं।