देश की शीर्ष तेल और गैस उत्पादक ओएनजीसी लिमिटेड ने वर्ष 2030 तक ऊर्जा बदलाव के लक्ष्यों में एक लाख करोड़ रुपये तक का निवेश करने की योजना बनाई है तथा इस दशक के अंत तक अक्षय स्रोतों से बिजली उत्पादन को मौजूदा 189 मेगावॉट से बढ़ाकर एक गीगावॉट करने की योजना है।
आय परिणाम के बाद मुंबई में आयोजित मीडिया सम्मेलन में ओएनजीसी के चेयरमैन अरुण कुमार सिंह ने सोमवार को कहा कि कंपनी ने राजस्थान में पांच गीगावॉट का संयंत्र स्थापित करने के लिए राज्य सरकार के साथ समझौता किया है।
उन्होंने कहा कि कंपनी अब भी कम से कम पांच गीगावॉट की और परियोजनाएं स्थापित करने के अवसर तलाश रही है। इस संबंध में कंपनी अपतटीय पवन परियोजनाओं पर भी ध्यान देगी। उन्होंने कहा कि ओएनजीसी मैंगलोर में 10 लाख टन सालाना क्षमता के हरित अमोनिया संयंत्र पर भी विचार कर रही है।
सिंह ने कहा कि कुल मिलाकर इसमें एक लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा। कंपनी ने 2022-23 में तेल एवं गैस उत्पादन में घटने के रुख को पलटा है और अब पूर्वी और पश्चिमी तटों पर स्थित परियोजनाओं से उत्पादन बढ़ाने पर विचार कर रही है।
कंपनी ने वर्ष 2038 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है, जिसके लिये वह हरित ऊर्जा पर जोर दे रही है। इसके साथ, कंपनी जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिये देश की प्रतिबद्धता के तहत शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन को लेकर रूपरेखा तैयार करने को लेकर सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं गैस कंपनियों इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपीसीएल), गेल और भारत पेट्रोलियम (बीपीसीएल) की श्रेणी में आ गई है।
सिंह ने कहा कि हमने आंतरिक स्तर पर कार्य किए हैं और अब भरोसा है कि हम 2038 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल कर लेंगे।’ उन्होंने कहा कि कंपनी 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से उत्पादन 189 मेगावॉट से बढ़ाकर 1,000 मेगावॉट करेगी।