भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने सरकार से दूरसंचार क्षेत्र में लंबे समय से चल रहे कानूनी विवाद बंद करने का अनुरोध किया है। मित्तल ने आज कहा कि कोरोनावायरस का प्रसार रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन के दौरान दूरसंचार उद्योग ने साबित कर दिया कि उसके बिना किसी का काम नहीं चल सकता। लेकिन कानूनी विवादों के कारण यह उद्योग अब भी संकट से बाहर नहीं आ पाया है।
मित्तल का इशारा समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) से संबंधित बकाये के विवाद की ओर था। हालांकि उन्होंने इसका नाम नहीं लिया। सरकार ने दूरसंचार कंपनियों से जो एजीआर मांगा है, उसका हिसाब-किताब दोबारा लगाए जाने की कंपनियों की याचिका उच्चतम न्यायालय ने 20 जुलाई को खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि बकाया चुकाने के लिए कंपनियों को 20 साल का समय देने की केंद्र की याचिका पर वह बाद में फैसला सुनाएगी। सरकार की गणना के मुताबिक भारती एयरटेल पर 25,976 करोड़ रुपये और वोडाफोन आइडिया पर 50,399 करोड़ रुपये बकाया हैं।
मित्तल ने एयरटेल के शेयरधारकों को भेजे संदेश में कहा, ‘कंपनी मानती है कि कीमत की जंग ने उस दूरसंचार उद्योग का तानाबाना बदल दिया, जिसे हम जनाते थे और जिसमें हम काम कर रहे थे। अब एजीआर बकाये ने उद्योग के अस्तित्व को झटका दिया है।’ उन्होंनेे कहा कि सरकार को इस क्षेत्र में शुल्क तर्कसंगत बनाने चाहिए और लंबे समय से चल रहे कानूनी विवाद खत्म कर देने चाहिए क्योंकि ऐसे विवादों से उद्योग पर बुरा असर पड़ा है।
उन्होंने कहा, ‘हालांकि यह तय है कि भारतीय दूरसंचार उद्योग अपने सबसे बुरे दौर से निकल आया है मगर अभी संकट से उबरा नहीं है। भारत में अब भी डेटा बाकी दुनिया के मुकाबले सस्ता है और कंपनियां लागत भर ही वसूल पा रही हैं। इसे अपनी वित्तीय सेहत को हुए भारी नुकसान की भरपाई के लिए मदद की जरूरत है और मदद नहीं मिली तो दूरसंचार कंपनियां आगे चलकर नई तकनीकों में निवेश नहीं कर पाएंगी।’ मित्तल ने कहा कि हाल में शुल्क दरों में बढ़ोतरी से उद्योग को कुछ राहत मिली है मगर कारोबार को ठीक तरीके से चलाने के लिहाज से दरें अब भी कम हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि उद्योग ने देश के हरेक कोने को एक दूसरे से जोडऩे में सराहनीय भूमिका निभाई है, जिसे देखते हुए सरकार ऑपरेटरों की फौरी जरूरतों को समझेगी।
कंपनी चुनौतियों से जूझने के बाद भी 5जी दूरसंचार सेवाओं के लिए तैयारी कर रही है। मित्तल ने कहा, ‘बदलती मांग के मुताबिक तैयार रहने के लिए कंपनी अपने मौजूदा 4जी बेस स्टेशनों में 5जी तकनीक ला रही है। तेज रफ्तार डेटा की मांग बढऩे के कारण भी देश में 5जी सेवाओं की जरूरत बढ़ गई है। दूरसंचार उपकरण विनिर्माताओं और ऐप्लिकेशन डेवलपरों के साथ मिलकर हम 5जी परीक्षण से जुड़ी तैयारियों में जुट गए हैं। उपभोक्ताओं को 5जी सेवा का बेहतर अनुभव देने के लिए कंपनी बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है और ओवर द टॉप (ओटीटी) कंपनियों से भी बातचीत कर रही है।’