ओला इलेक्ट्रिक अपने स्कूटरों की आपूर्ति निर्धारित समय पर नहीं कर पाएगी। कंपनी बैटरी से चलने वाले अपने स्कूटर (ई-स्कूटर) की पहली खेप 15 से 31 दिसंबर के बीच पहुंचा पाएगी। इस तरह ग्राहकों को स्कूटर कम से कम 2 से 4 हफ्ते देर से मिलेंगे। ओला के पास चिप और इलेक्ट्रॉनिक कल-पुर्जे उपलब्ध नहीं हैं, जिससे उसके लिए इन वाहनों की आपूर्ति समय पर करना संभव नहीं रह गया है। शुरुआत में पहली खेप की आपूर्ति 30 नवंबर तक करने की बात कही गई थी।
ओला ने शनिवार को फैक्टरी संचालन से जुड़ी अपनी टीम और वैश्विक आपूर्ति व्यवस्था के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद यह निर्णय लिया। सूत्रों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि कंपनी को चिप और इलेक्ट्रॉनिक पुर्जों की आपूर्ति फिलहाल सुधरती नहीं दिख रही है। ओला ने ग्राहकों को भेजे संदेश में इलेक्ट्रिक स्कूटरों की आपूर्ति में देर होने के लिए माफी मांगी है।
कंपनी ने कहा कि वह ओला एस1 की आपूर्ति जल्द से जल्द करने के लिए हरसंभव उपाय कर रही है। सूत्रों ने कहा कि कंपनी पहली खेप की आपूर्ति जल्द से जल्द करने पर पूरा दे रही है और उसने नई बुकिंग भी फिलहाल बंद कर दी हैं। चिप की आपूर्ति सुधरने पर ही वह नई बुकिंग लेना शुरू करेगी।
चिप की कमी से दुनिया भर में वाहन विनिर्माताओं के कारोबार पर असर हुआ है। ओला इलेक्ट्रिक को 4जी युक्त ऑक्टा कोर ऐंड्रॉयड तकनीक देने के लिए ओला से समझौता किया है। यह तकनीक कनेक्टिविटी के साथ आकलन करने की सुविधा भी देती है। क्वालकॉम चिप का निर्माण ठेके पर अन्य कंपनियों से कराती है। क्वालकॉम इंडिया के अध्यक्ष राजेन वगाडिया ने पिछले महीने बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि उनकी कंपनी अप्रैल 2022 तक चिप की आपूर्ति सामान्य करने के लिए सभी उपाय कर रही है मगर वाहन सहित दूसरे कुछ उद्योगों के लिए इंतजार थोड़ा लंबा खिंच सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसी कंपनियों को चिप के लिए थोड़ी अधिक मशक्कत करनी पड़ सकती है। चिप पर वाहन उद्योग की निर्भरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक दोपहिया वाहन में करीब 15-20 नन्हे चिप और सेंसर की जरूरत होती है। कुछ दिनों पहले चिप की कमी से जुड़े सवाल पर ओला इलेक्ट्रिक के मुख्य विपणन अधिकारी वरुण दुबे ने कहा था, ‘चिप की कमी की बात से इनकार नहीं किया जा सकता और स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं हुई है। मगर हमने कमी से निपटने के लिए पहले ही योजना बनानी शुरू कर दी थी, इसलिए ओला पर असर कम हुआ है।’
