तेल-गैस

रूसी तेल ले जा रहा प्रतिबंधित क्रूड टैंकर ‘स्पार्टन’ गुजरात में मुंद्रा पोर्ट पहुंचा, EU पहले कर चुका है बैन

11 सितंबर को अदाणी ग्रुप ने ऐलान किया था कि उनके सभी बंदरगाहों पर पश्चिमी देशों द्वारा प्रतिबंधित टैंकरों की एंट्री पर रोक लगेगी

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ऋषिका अग्रवाल   
Last Updated- September 15, 2025 | 4:10 PM IST

भारत के सबसे बड़े बंदरगाहों में से एक अदाणी ग्रुप के मुंद्रा पोर्ट के पास सोमवार को एक प्रतिबंधित टैंकर देखा गया। यह टैंकर रूस का कच्चा तेल ले जा रहा था। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस टैंकर का नाम ‘स्पार्टन’ है। यह एक सूजमैक्स टैंकर है, जिसमें कम से कम 10 लाख बैरल उराल्स कच्चा तेल लदा हुआ है। यह टैंकर HPCL-मित्तल एनर्जी लिमिटेड (HMEL) के लिए तेल उतारने वाला था। पिछले साल ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन (EU) ने इस टैंकर पर रूसी तेल की सप्लाई में मदद करने के लिए प्रतिबंध लगाया था।

अदाणी ने लगाया प्रतिबंधित टैंकों पर बैन

11 सितंबर को अदाणी ग्रुप ने ऐलान किया कि उनके सभी बंदरगाहों पर पश्चिमी देशों द्वारा प्रतिबंधित टैंकरों की एंट्री पर रोक लगेगी। यह फैसला तुरंत लागू हो गया। हालांकि, अदाणी के एक प्रवक्ता ने ब्लूमबर्ग को बताया कि यह बैन उन जहाजों पर लागू नहीं होगा जो पहले से रास्ते में हैं। पिछले आठ महीनों में मुंद्रा पोर्ट पर हर दिन करीब 1,80,000 बैरल रूसी कच्चा तेल आया है।

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इस बैन का असर भारत के दो बड़े रिफाइनरों पर पड़ सकता है। पहला, HMEL, जो पंजाब के बठिंडा में 2,26,000 बैरल प्रतिदिन की रिफाइनरी चलाता है। यह रिफाइनरी अपनी सारी कच्चे तेल की आपूर्ति मुंद्रा पोर्ट से लेती है। दूसरा, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, जो देश का सबसे बड़ा रिफाइनर है। यह कंपनी भी नियमित रूप से मुंद्रा पोर्ट से रूसी तेल लेती है।

भारत रूसी समुद्री तेल का सबसे बड़ा खरीदार!

गौरतलब है कि भारत रूसी समुद्री तेल का सबसे बड़ा खरीदार है। लेकिन पश्चिमी देशों, खासकर अमेरिका की नजर भारत के तेल खरीद पर टिकी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत के सामानों पर 50% टैरिफ लगाया है, जिसमें 25% टैरिफ रूसी तेल खरीद से जुड़ा है। ट्रंप ने G-7 देशों से भारत और चीन पर रूस से तेल खरीदने के लिए 100% तक टैरिफ लगाने की बात भी कही है। यह कदम रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने की कोशिश का हिस्सा है।

हालांकि, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कहा है कि भारत रूसी तेल खरीदना जारी रखेगा। उनका कहना है कि ऊर्जा से जुड़े फैसले देशहित में लिए जाते हैं।

इस बीच, अदाणी ग्रुप अमेरिका में भी जांच के दायरे में है। खबर है कि अमेरिकी न्याय विभाग यह जांच कर रहा है कि क्या अदाणी की किसी कंपनी ने ईरान से तरलीकृत पेट्रोलियम गैस आयात की, जो अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन हो सकता है।

First Published : September 15, 2025 | 3:36 PM IST